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थोड़ी ही बारिश में उखड़ गए पुल, हर वर्ष लाखों का किया जाता है रखरखाव

locationटीकमगढ़Published: Aug 21, 2019 07:40:56 pm

Submitted by:

akhilesh lodhi

.जिले में हुई बारिश ने लोगों को राहत दी तोवहीं प्रतिवर्ष लाखों की राशि खर्च मेंटेनेंस में खर्च करने वाले पुलों की पोल खोल दी।

Department has given warning regarding tourism city polo

Department has given warning regarding tourism city polo

टीकमगढ़.जिले में हुई बारिश ने लोगों को राहत दी तोवहीं प्रतिवर्ष लाखों की राशि खर्च मेंटेनेंस में खर्च करने वाले पुलों की पोल खोल दी। थोडी सी बारिश में एमपीआरडीसी और पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाए गए पुल कई जगहों से उखड़ गए है। खास बात है कि पीडब्ल्यूडी ओरछा के जामनी और बेतवा पुल के क्रेक होने की चेतावनी पिछले वर्ष दे चुका है। इसके बावजूद पुलों का निर्माण न होने से जनहित में आवागमन जारी है।
जिले में एमपीआरडीसी और पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा गांवों और शहरों को जोडऩे के लिए पुल पुलियां बनाई है। लेकिन यह पुल और पुलिया प्रत्येक वर्ष की बारिश में उखड़ जाती है। दोनों विभागों द्वारा उखड़े और टूटे पुलों की मरम्मत करने के लिए लाखों रुपए खर्च किए जाते है। इसके बाद भी यह मरम्मत छह माह में ही उखड़कर खराब हो जाती है। चाहे वह बानपुर रोड़ का पुल हो या फिर कुण्डेश्वर के साथ ओरछा जामनी और बेतवा का पुल हो। इसके साथ ही पचेर के साथ छतरपुर को जोडऩे वाला धसान पुल हो।
केस-०१
कुण्डेश्वर निवासी ओमप्रकाश तिवारी ने बताया कि टीकमगढ़ से ललितपुर मार्ग को जोडऩे के लिए वर्ष १९६० में पुल निर्माण के लिए मप्र की मंत्री पदमावती द्वारा शिलान्यास किया गया था। गई बार जमडार नदी की बाढ़ आने पर रैलिंग के साथ कई हिस्से पानी में बह जाते है। जिसको लेकर विभाग ने पुल को बढ़ाने के लिए प्रशासन को पत्र लिखा था। लेकिन मामले को लेकर कोई अभी तक कोईकार्रवाई नहीं की गईहै।
केस-०२
पहाडी तिलवारन निवासी मातादीन यादव ने बताया कि कुण्डेश्वर से पहाड़ी तिलवारन मार्ग पर १० वर्ष पूर्व पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा जमडार नाला पर पुल निर्माण किया गया था। थोड़ी ही बारिश में इस पुल को नीचे का हिस्सा पानी में बह गया है। इस पुल से अस्तौन, जुडावन, नगदा बम्होरी के साथ माडूमर और पठा की ओर से आने जाने वाले वाहन सैकड़ों की संख्या में गुजरते है।
केस-०३
खरगापुर विधान सभा की पचेर और ईशानगर को जोडऩे के लिए पूर्व केद्रीय कोयला मंत्री के समय उमा भारती ने पुल का शिलान्यास किया था। हर वर्ष यह पुल बाढ़ के समय खस्ताहाल हो जाता है। इसके बाद पीडब्ल्यूडी द्वारा पुल की मरम्मत लाखों रुपए की लागत से की जाती है। इस वर्ष थोड़ी सी बारिश में पुल की परत उखड़ गई है। हालांकि पुल पर विभाग के कर्मचारियों ने मिट्टी डाल दी है।

केस-०४
जामनी और बेतवा नदी पर राजशाही दौर के समय ओरछा को जोडऩे के लिए पुल निर्माण किए गए थे। यह पुल प्रति वर्ष बारिश के दौरान खस्ताहाल हो जाते है। पीडब्ल्यूडी द्वारा उनकी मरम्मत लाखों रुपए की लागत से की जाती है। हालांकि पीडब्ल्यूडी द्वारा जामनी और बेतवा पुल क्रेक होने की सूचना उच्च विभाग कोपहले ही देने की बात कर ीहा है। दी है। ऐसी स्थिति में इन पुलों से हजारों छोटे से लेकर बड़े वाहनों का आवागमन होता है।
केस-०५
टीकमगढ़ से छतरपुर और टीकमगढ़ से सागर जिले को जोडऩे के लिए पुल निर्माण किए गए। बारिश के समय पुल के किनारे की सड़कें खराब हो जाती है। संबंधित विभाग द्वारा लाखों रुपए की लागत से मरम्मत की जाती है। लेकिन कुछही महीने में यह दोनों सड़कें खराब हो जाती है।
इनका कहना है
जिले में पीडब्ल्यूडी की बहुत कम सड़कें और पुल पुलियां बची। जो भी सड़कें और पुल पुलियां खराब हो गईहै। उनकी जांच करके मरम्मत की जाएगी।
देवेंद्र शुक्ला एसडीओ पीडब्ल्यूडी टीकमगढ़।
एमपीआरडीसी की जो भी पुल और पुलिया उखड़ गई है। उनकों चिन्हित करके सुधार कार्य किया जाएगा।
पीके जोशी संभागीय प्रबंधक एमपीआरडीसी सागर

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