रिजल्ट खराब आने का कारण बता रहे कोराना काल
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना था कि वर्ष २०२१ में कोरोना काल आया था। उस समय कक्षा ९ वीं के छात्रों ने १० वीं कक्षा में प्रवेश लिया था और ११ वीं के छात्रों ने १२ वीं में प्रवेश लिया था। जिन्हें प्रमोशन देकर पास किया गया था। यही स्थिति अन्य कक्षाओं की थी। इन छात्रों से वर्ष २०२३ का रिजल्ट खराब हो गया है।
फैक्ट फाइल
५९ हायर सेकेंडरी विद्यालय
१३५२२-छात्र-छात्राएं
४३ प्रतिशत रिजल्ट
९१ हाइस्कूल
२६५५९ छात्र-छात्राएं
४६.३ प्रतिशत रिजल्ट
१८०३८ कक्षा ५ वीं के छात्र-छात्राएं
५०.२५ प्रतिशत रिजल्ट
१८३४९ कक्षा ८ वीं के छात्र-छात्राएं
४७.८ प्रतिशत रिजल्ट
३२ संकुल केंद्र
४४ जनशिक्षक केंद्र
४ बीआरसीसी
४ बीइओ
इनका कहना
जिले के ऐसे विद्यालय जिनका हाइस्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालय का परीक्षा परिणाम ५० प्रतिशत से कम आया है। ऐसे संकुल प्राचार्य और प्राचार्यों को नोटिस देने की तैयारी की जा रही है। इस लापरवाही पर वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई भी की जा रही है।
शक्ति कुमार खरे, जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़।