78 किलोमीटर में होगा खनन: अमित मिश्रा ने बताया कि एनएमडीसी ने अर्चरा में 2.36 किमी, सुनरईभाटा में 10.88 किलोमीटर, दरगांयकलां में 16 किलोमीटर, जलांधर में 10 किलोमीटर एवं बिरौराखेत में 38.90 किलोमीटर में खनन के लिए अनुमति मांगी है। इस प्रकार कार्पोरेशन कुल 78.14 किलोमीटर के क्षेत्र में हीरे की तलाश करेगा। कार्पोरेशन को इन गांव में हीरे की प्रबल संभावनाएं प्रतीत हो रही है।
जल्द मिल सकती है अनुमति: मामला केन्द्र सरकार के पास होने के कारण कोई भी इस मामले में कुछ भी खुल कर नही बता पा रहा है, लेकिन यहां पर खदान स्वीकृत करने के लिए वन विभाग की अनुमति के साथ ही अन्य आवश्यक कार्रवाई में लगभग 3 साल का समय लग चुका है। खनिज विभाग और एनएमडीसी के सूत्रों की माने तो कुछ मामलों को लेकर केन्द्र सरकार से जानकारियां चाही गई थी। जिन्हें पूरा कर दिया गया है। सूत्र बताते है कि अब यह मामला अंतिम चरण में है और जल्द ही अनुमति मिलने की संभावना है। विदित हो कि केन्द्र सरकार से हीरा खनन के लिए मिलने वाली अनुमति जिले के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। बुंदेलखण्ड में अब पन्ना के बाद टीकमगढ़ जिले को भी हीरा कारोबार के लिए पहचाना जाएगा।
कहते है अधिकारी: यह फायल लगभग 3 साल से केन्द्र सरकार के पास स्वीकृति को पड़ी है। जल्द ही इसकी अनुमति होने का अनुमान है। इस संबंध में विभाग के उच्चाधिकारियों से चर्चा कर ही पता किया जा सकता है कि स्वीकृति में और कितना समय लगेगा।- अमित मिश्रा, खनिज अधिकारी, टीकमगढ़।