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अगले वर्ष शुरू हो सकता है, जिले में हीरे का खनन

locationटीकमगढ़Published: Dec 09, 2018 12:54:37 pm

Submitted by:

anil rawat

केन्द्र सरकार के पास स्वीकृति को पड़ी है फायल, मामला अंतिम चरण में

Diamond mining project

Diamond mining project

टीकमगढ़. संभावना है कि अगले वर्ष तक जिले में हीरा खनन परियोजना का काम प्रारंभ कर दिया जाएगा। लगभग 3 साल से केन्द्र सरकार के पास पड़ी स्वीकृति की फायल अब अंतिम चरण में है। भारत सरकार से अनुमति मिलने के साथ ही जिले में हीरे की खोज शुरू हो जाएगी और इसके साथ ही देश में जिला भी हीरे की लिए अपनी पहचान बना लेगा।
विदित हो कि नेशनल मिनिरल डेव्हलेपमेंट कार्पोरेशन हैदरवाद द्वारा किए गए सर्वे में जिले के कुछ क्षेत्रों में हीरा मिलने की संभावनाएं दिखाई दी थी। इसके बाद नेशनल मिनिरल डेव्हलेपमेंट कार्पोरेशन एनएमडीसी ने जिले में पांच स्थानों पर खनन की अनुमति के लिए 27 फरवरी 2013 को खनिज विभाग में आवेदन लगाए थे। इन आवेदनों पर कार्रवाई करते हुए खनिज और राजस्व विभाग ने पूरा सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर इसे प्रदेश सरकार के पास मई 2015 को भेज दिया था। यहां भी प्रस्ताव को अनुमति के लिए केन्द्र सरकार के पास भेज दिया गया है। वहां पर इन आवेदनों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। अब तीन साल से चल रही इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में बताई जा रही है। विभागीय सूत्रों की माने तो जल्द ही केन्द्र सरकार से अनुमति मिलने की संभावना बनी हुई है।
यहां तलाश जाएगा हीरा: खनिज अधिकारी अमित मिश्रा ने बताया कि एनएमडीसी के द्वारा खनन के लिए चार आवदेन लगाए गए थे। एनएमडीसी द्वारा ग्राम अर्चरा, सुनरईभाटा, दरगांयकलां, जलांधर एवं बिरौराखेत में खनन के लिए अनुमति मांगी गई है। यहां के लिए खदानों के आवेदन तैयार कर राजस्व विभाग के सहयोग से अनुमति के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया था।

78 किलोमीटर में होगा खनन: अमित मिश्रा ने बताया कि एनएमडीसी ने अर्चरा में 2.36 किमी, सुनरईभाटा में 10.88 किलोमीटर, दरगांयकलां में 16 किलोमीटर, जलांधर में 10 किलोमीटर एवं बिरौराखेत में 38.90 किलोमीटर में खनन के लिए अनुमति मांगी है। इस प्रकार कार्पोरेशन कुल 78.14 किलोमीटर के क्षेत्र में हीरे की तलाश करेगा। कार्पोरेशन को इन गांव में हीरे की प्रबल संभावनाएं प्रतीत हो रही है।
जल्द मिल सकती है अनुमति: मामला केन्द्र सरकार के पास होने के कारण कोई भी इस मामले में कुछ भी खुल कर नही बता पा रहा है, लेकिन यहां पर खदान स्वीकृत करने के लिए वन विभाग की अनुमति के साथ ही अन्य आवश्यक कार्रवाई में लगभग 3 साल का समय लग चुका है। खनिज विभाग और एनएमडीसी के सूत्रों की माने तो कुछ मामलों को लेकर केन्द्र सरकार से जानकारियां चाही गई थी। जिन्हें पूरा कर दिया गया है। सूत्र बताते है कि अब यह मामला अंतिम चरण में है और जल्द ही अनुमति मिलने की संभावना है। विदित हो कि केन्द्र सरकार से हीरा खनन के लिए मिलने वाली अनुमति जिले के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। बुंदेलखण्ड में अब पन्ना के बाद टीकमगढ़ जिले को भी हीरा कारोबार के लिए पहचाना जाएगा।
कहते है अधिकारी: यह फायल लगभग 3 साल से केन्द्र सरकार के पास स्वीकृति को पड़ी है। जल्द ही इसकी अनुमति होने का अनुमान है। इस संबंध में विभाग के उच्चाधिकारियों से चर्चा कर ही पता किया जा सकता है कि स्वीकृति में और कितना समय लगेगा।- अमित मिश्रा, खनिज अधिकारी, टीकमगढ़।

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