3 माह पहले प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण और धर्मस्व मंत्री द्वारा भेजे गए पत्र का जवाब अभी फाइलों में ही कैद है। यदि यह जानकारी समय से धर्मस्व विभाग तक पहुंच जाती तो शायद मकर संक्रांति को कुण्डेश्वर में होने वाला मेला राज्य स्तरीय श्रेणी में शामिल हो जाता।
टीकमगढ़. जिले के शिवधाम कुण्डेश्वर के विकास को लेकर प्रशासन कितना लापरवाह है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 3 माह पहले प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण और धर्मस्व मंत्री द्वारा भेजे गए पत्र का जवाब अभी फाइलों में ही कैद है। यदि यह जानकारी समय से धर्मस्व विभाग तक पहुंच जाती तो शायद मकर संक्रांति को कुण्डेश्वर में होने वाला मेला राज्य स्तरीय श्रेणी में शामिल हो जाता। सिंधिया विचार मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष विकास यादव के द्वारा प्रदेश की धर्मस्व मंत्री यशोधरा राजे को पत्र लिखकर कुण्डेश्वर धाम को पवित्र नगर घोषित किए जाने और मकर संक्रांति और महाशिवरात्रि पर लगने वाले मेलों को राज्य स्तरीय सूची में शामिल किए जाने के साथ ही मंदिर के संचालन के लिए प्रशासक नियुक्त किए जाने की मांग की गई थी। इस पत्र पर धर्मस्व मंत्री के द्वारा 17 सितंबर 2016 को पत्र जारी करते हुए प्रमुख सचिव से मामले का परीक्षण करवाकर अपने अभिमत के साथ 7 दिन में जबाव देने के लिए कहा गया था। मंंत्री के पत्र पर धर्मस्व विभाग के अपर सचिव राजेंद्र सिंह ने टीकमगढ़ कलेक्टर को 6 अक्टूबर 2016 को जारी किए पत्र में कुण्डेश्वर से संबंधित जानकारी दिए जाने के निर्देश दिए थे।भोपाल से चला यह पत्र टीकमगढ़ आने के बाद 21 अक्टूबर को धर्मस्व शाखा प्रभारी संयुक्त कलेक्टर के द्वारा टीकमगढ़ एसडीएम से 3 दिन में जानकारी देने के लिए कहा गया था।
एसडीएम भेज चुके जानकारी
कुण्डेश्वर को लेकर एसडीएम मनोज सिंह ठाकुर के द्वारा यह जानकारी तत्काल ही संबंधित शाखा को भेज दी गई थी। एसडीएम का कहना था कि उन्होंने मकर संक्रांति और महाशिवरात्रि मेलों को राज्य स्तरीय किए जाने के साथ ही कुण्डेश् वर में पर्यटक चौकी शुरू करने का प्रस्ताव दिया था। इसके साथ ही मंदिर को संचालन करने वाले ट्रस्ट को उचित बताते हुए प्रशासक को नियुक्त करने पर आपत्ति जाहिर की थी। इसके साथ ही कुण्डेश्वर क्षेत्र के विकास को लेकर आए प्रस्ताव भेज दिए गए थे। लेकिन खास बात हैकि करीब 2 माह पहले एसडीएम से भेजी गई जानकारी अब तक कलेक्टर के पास नही पहुंची है।इस मामले में खास बात है कि आखिर एसडीएम से जानकारी आने के बावजूद आखिर फाईल कहां चली गई। मामले को लेकर विकास यादव का कहना था कि यदि यह प्रस्ताव कलेक्टर के माध्यम से खेल मंत्री तक पहुंच जाता तो इस बार मकर संक्रांति का मेला शायद राज्य स्तरीय हो जाता। कुण्डेश्वर विकास को लेकर विभाग के प्रयास भी सामने आ जाते।
कुण्डेश्वर को लेकर धर्मस्व मंत्री के पत्र की जानकारी नही है।फाईल मेरे पास नही आईहै। मेला राज्य स्तरीय हो और क्षेत्र का विकास हो यह प्रशासन की प्राथमिकता है।
– प्रियंका दास, कलेक्टर, टीकमगढ़