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टीकमगढ़

समर्थन मूल्य खरीदी योजना का किसानों को नहीं मिला शत प्रतिशत लाभ

समर्थन मूल्य योजना का लाभ किसानों को शत प्रतिशत नहीं मिल पाया है। किसानों से अधिक व्यापारियों और समिति प्रबंधकों ने इस योजना लेने की बात किसानों द्वारा कही जा रही है।

टीकमगढ़Jan 19, 2019 / 04:53 pm

akhilesh lodhi

Disillusionment with farmers' plan arbitrarily by surveyors and commi

Disillusionment with farmers’ plan arbitrarily by surveyors and committee managers

टीकमगढ़.समर्थन मूल्य योजना का लाभ किसानों को शत प्रतिशत नहीं मिल पाया है। किसानों से अधिक व्यापारियों और समिति प्रबंधकों ने इस योजना लेने की बात किसानों द्वारा कही जा रही है। इसके साथ ही सर्वेयरों और विभाग से संबंधित कर्मचारियों की भर्राशाही के चलते किसानों को समस्याओं को सामना करना पड़ा। शिकायतें भी की गई, लेकिन मामले को लेकर जिम्मेदारों द्वारा खानापूर्ति के शिवाएं, कार्रवाई करने में असफल रहे। किसानों द्वारा आरोप भी लगाए गए। उनके आरोप की जांच में सर्वेयरों सहित समिति के कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की गई। जिम्मेदारों की मनमानी के कारण खरीफ की फसल के ७८ हजार पंजीयन में से ४३ हजार किसानों ने ही योजना का लाभ लिया है। समर्थन मूल्य खरीदी का आज आखरी दिन होने के कारण किसानों को चिंता सताने लगी है।
जिले में समर्थन मूल्य की खरीदी २० नवम्बर से शुरू की गई थी। खरीफ फसल खरीदी के बाद किसान समिति प्रबंधकों और सर्वेयरों की मनमानी से परेशान होते रहे। उनके द्वारा मनमर्जी से किसानों के अनाज को खरीदा गया। फ्रेश अनाज को रिजेक्ट और खराब अनाज को पास कर गोदामों में रखा गया। बड़ागांव धसान गोर, बल्देवगढ़, बुडेरा, पलेरा, बडौरा घाट, लिधौरा, सिमर्रा खुर्द खरीदी केंद्र पर समिति प्रबंधक और सर्वेयरों की मनमानी के कारण किसानों को रतजगा के साथ अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही किसानों को सर्वेयरों और समिति प्रबंधकों में विवाद होते नजर आए। तहसीलदार, सहकारिता आयुक्त के साथ कलेक्टर द्वारा खरीदी केंद्रों पर जांच क गई। जिसमें सर्वेयरों और समिति प्रबंधकों पर कार्रवाई की गई।
19 जनवरी को समर्थन मूल्य खरीदी का समापन
२० नवम्बर से १९ जनवरी तक समर्थन मूल्य के तहत उड़द, मूंगफली और मूंग की खरीदी ६७ केंद्रों से की गई। जहां पर १७ जनवरी तक ४३ हजार ४६१ किसानों द्वारा ४४ करोड़ १४ लाख ५६ हजार १०३ क्विांटल उड़द को बेचा गया। मूंगफली २ हजार ९६७ किसानों द्वारा ५ करोड़ ५७ लाख ९ हजार ५१० क्विांटल बेची गई। इसके साथ ही मूंग के १ किसान ने ३ क्विांटल बेची। खरीदी केंद्रों पर समर्थन मूल्य के तहत २५ जनवरी बढाए जाने की बात की जा रही है। लेकिन जिला विपणन अधिकारी का कहना है कि अभी इस मामले में कोई आदेश नहीं आया है।
समर्थन मूल्य खरीदी से किसानों का मोहभंग
समर्थन मूल्य खरीदी से किसानों को मोह भंग दिखाई दे रहा है। ४८ दिनों में उड़द के पंजीयन किसान ४३ हजार और मूंगफली के २९६७ द्वारा अनाज बेचा गया है। ३४ हजार ५९३ किसानों के अनाज की खरीदी करना विभाग को चिंता का बिषय है। लेकिन खरीदी की तारीख १९ जनवरी है। सर्वेयरों और समिति प्रबंधकों की मनमानी के कारण ३४ हजार से अधिक किसानों का मोहभंग हो गया है।
इन दरों में खरीदा सरकार ने उड़द
जिले में ४४ करोड़ १४ लाख ५६ हजार १०३ क्विांटल उड़द 56 सौ रुपए प्रति क्विांटल खरीदा गया। उड़द खरीदी २० नवम्बर से १९ जनवरी तक खरीदी जाने के आदेश दिए गए थे। जिसमें ७८ हजार किसानों द्वारा पंजीयन कराए गए थे। उड़द खरीदी के लिए 67 खरीदी केंद्र बनाए गए थे। जिसमें प्रति किसानों को एक हेक्टेयर पर ९ क्विांटल उड़द बेचना थी। खरीदी केंद्रों पर सर्वेयरों, समिति प्रबंधकों सहित दलालों की मनमानी के कारण किसानों को भाव मंडी के दरों पर ही मिला। लेकिन हजारों किसानों के खातों में राशि की जगह मोबाईल पर संदेश ही पहुंचा है। इसके साथ ही कई किसानों को खरीदी पर्ची भी नहीं दी गई। जिसको लेकर किसानों में चिंता बनी हुई है। वहीं समर्थन मूल्य खरीदी की तारीख समाप्त हो गई। ३४ हजार ५३९ किसान उड़द खरीदी कें द्र के पास नहीं पहुंचे है।

रतजगा करने के बाद भी नहीं लगा नम्बर
सरकनपुर निवासी किसान राजबहादुर सिंह, पुरषोत्तम सिंह लोधी, उत्तम सिंह कुशवाहा, नादिया अबधेश लोधी, देवीदयाल यादव, भूपेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों को कोई परेशानी नहीं हो, उसके लिए क्षेत्रों में समर्थन मूल्य के तहत खरीदी केद्र बनाए गए है। खरीदी केंद्र प्रबंधकों की लापरवाही के कारण बारदान और तौल में देरी में की गई। रतजगा करने के बाद भी उड़द नहीं बेचे गई। जिसके कारण किसानों को खरीदी केंद्रों से वापस लौटना पड़ा।
किसानों ने सर्वेयरों और समिति प्रबंधकों पर लगा रूपए लेने के आरोप
सर्वेयरों और प्रबंधकों की मनमानी के कारण किसानों का समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र पर उड़द बेचने का मौह भंग हो गया है। खरीदी केंद्रों पर उड़द की सफाई, पल्लेदारी के साथ अन्य प्रकार के करो के एवज में रुपए वसूलने की आरोप किसानों द्वारा लगाए गए है। जिसको लकेर संबंधित विभाग द्वारा निरीक्षण किया गया। जिसमें कलेक्टर द्वारा सर्वेयर पर एफआईआर दर्ज की गई।
फैक्ट फायल
जिले में समर्थन मूल्य की खरीदी – २० नवम्बर से १९ जनवरी तक
जिले में समर्थन मूल्य के कुल पंजीयन किसान – ७८०००
जिले में कुल खरीदी केंद्र – ६७
समर्थन मूल्य में प्रतिकिलो उड़द – ५६ रुपए
एक हेक्टयर में खरीदी कें द्र में कुल क्विांटल – ९
जिले में समर्थन मूल्य के कुल पंजीयन वाले शेष किसान – ३४५३९
२० नवम्बर से १८ जनवरी तक उड़द बेचने वाले किसान – ४३४६१
१८ जनवरी तक किसानों द्वारा बेचा गया उड़द – ४४१४५६१०३ क्विांटल
२० नवम्बर से १८ जनवरी तक मंूगफली बेचने वाले किसान – २९६७
१८ जनवरी तक किसानों द्वारा बेची गई मंूगफली – ५५७०९५१० क्विांटल
२० नवम्बर से १८ जनवरी तक मूंग के किसान – ०१
१८ जनवरी तक किसानों द्वारा बेची गई मंूग – ०३ क्विांटल
इनका कहना
समर्थन मूल्य खरीदी की तारीख बढऩे की कोई तारीख अभी सामने नहीं आई है। १७ जनवरी तक ४३ हजार से अधिक किसानों द्वारा अनाज को बेचा गया है। हाल ही में कलेक्टर छुट्टी पर है। जिसके कारण कुछ कह नहीं सकते।
अर्जुल सिंह धु्रव जिला विपणन अधिकारी टीकमगढ़।

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