scriptड्यूटी थी इमरजेंसी में, कर रहे थे प्राइवेट प्रेक्टिस | doctor Duty Emergency doing private practice | Patrika News
टीकमगढ़

ड्यूटी थी इमरजेंसी में, कर रहे थे प्राइवेट प्रेक्टिस

पेथालॉजी को भी किया सील, कलेक्टर ने प्रशासन एवं पुलिस टीम के साथ की कार्रवाई

टीकमगढ़Jul 14, 2018 / 12:47 pm

vivek gupta

Duty was in the Emergency, doing private practice

Duty was in the Emergency, doing private practice

टीकमगढ़.कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल ने शुक्रवार दोपहर 3 बजे के लगभग पुलिस एवं प्रशासन की टीम के साथ मिलकर इमरजेंसी ड्यूटी के समय प्रायवेट प्रेक्टिस कर रहे डॉक्टर के शासकीय आवास पर छापामार कार्रवाई की। इस दौरान डॉक्टर अपने निवास पर मरीजों की भीड़ लगी थी और डॉक्टर बाकायदा मरीजों को देख रहे थे। कलेक्टर ने उनके निवास को सील कर दिया। वहीं एक अन्य डॉक्टर के निवास पर छापामार कार्रवाई की और वहां पेथालॉजी संचालित पाई गई। जबकि यह नियमों के खिलाफ है। इस पेथोलॉजी को भी सील कर दिया गया। इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया और देखते ही देखते डॉक्टर इस कार्रवाई के खिलाफ लामबंद हो गए। देर शाम तक सामूहिक रूप से इस्तीफा देने को लेकर हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा।
शुक्रवार दोपहर 3 बजे के लगभग कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल ने गोपनीय ढंग से एक टीम गठित की। इस टीम में राजस्व अमले की ओर से तहसीलदार रोहित वर्मा, पटवारी निरंजन शर्मा एवं पुलिस अमले में थाना देहात प्रभारी त्रिवेन्द्र त्रिवेदी एवं उनकी टीम को शामिल किया गया। यह टीम कलेक्टर के नेतृत्व में सीधे जिला अस्पताल स्थित डॉक्टरों के आवास के समीप पहुंची तो लोग सकते में आ गए। कलेक्टर अग्रवाल अपनी टीम सहित सीधे डॉ. अमित शुक्ला के निवास पर पहुंचे, यहां मरीजों की भीड़ लगी हुई थी। उन्होंने सीधे कमरे में जाकर देखा तो वहां डॉ. शुक्ला मरीज देख रहे थे। यह नजारा देखकर डॉक्टर एवं मरीज दोनों सकते में आ गए। कलेक्टर ने इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान डॉ. शुक्ला को प्रायवेट प्रेक्टिस करते पाए जाने पर गहरी नाराजगी जताई और तत्काल अधिनस्थ अमले को घर सील करने की हिदायत दी। अमले ने आननफानन में पंचनामा कार्रवाई के साथ घर को सील कर दिया। इस कार्रवाई के दौरान अन्य डॉक्टरों के यहां बैठे मरीजों को तत्काल चलता कर दिया गया और डॉक्टरों के निजी स्टॉफ ने दरवाजे बंद कर लिए। यहां से यह अमला सीधे झांसी रोड स्थित जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. विकास जैन के निज निवास पर पहुंचा, जहां पेथालॉजी संचालित पाई गई। शासकीय डॉक्टर के निवास पर पेथालॉजी संचालित पाए जाने पर कलेक्टर ने आपत्ति जताई और तहसीलदार एवं राजस्व अमले के माध्यम से पेथालॉजी को सील कर दिया। इस दौरान वहां राहगीरों की भीड़ लग गई। लोग एक दूसरे से इस कार्रवाई के बारे में पूछ रहे थे। पुलिस द्वारा भीड़ को नियंत्रित किया गया।
इमरजेंसी रोस्टर में लगी ड्यूटी, फिर क्यों की प्रायवेट प्रेक्टिस: इस पूरी कार्रवाई के बाद डॉ. अभिजीत अग्रवाल ने स्वास्थ्य आयुक्त पल्लवी जैन गोविल एवं अन्य अधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट में बताया कि डॉ. अमित शुक्ला को प्रभारी विशेषज्ञ का पद दिया गया है। सिविल सर्जन द्वारा जुलाई माह का आपातकालीन ड्यूटी रोस्टर बनाया गया था। जिसमें 13 जुलाई को दोपहर 1 बजे से रात 8 बजे तक डॉ. अमित शुक्ला को डे-ड्यूटी पर रहना था परंतु शुक्रवार को ड्यूटी टाइम के दौरान वह अनुपस्थित रहे। सूचना देने पर उन्होंने ड्यूटी करने से इन्कार कर दिया। तब सिविल सर्जन द्वारा डॉ. अम्बरीश शुक्ला की ड्यूटी तत्काल लगाई गई।

पहले भी कर चुके हैं लापरवाही: कलेक्टर ने इस प्रतिवेदन में बताया कि बीते वर्ष 16 अगस्त को भी एक मरीज आईसीयू में भर्ती हुआ था। तब ड्यूटी चिकित्सक को कॉल कर बुलाया गया था, उस समय भी डॉ. शुक्ला वहां नहीं पहुंचे थे, जिससे मरीज की मृत्यु हो गई थी। इस मामले में जन आक्रोश भड़का था और दोनों पक्षों ने पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। इस मामले की जांच के लिए तत्कालीन कलेक्टर प्रियंकादास ने एक पांच सदस्यीय टीम गठित की थी। जिसने अपनी रिपोर्ट में डॉ. शुक्ला की लापरवाही की बात का उल्लेख किया था।


इमरजेंसी ड्यूटी से इन्कार, घर पर चल रही थी पेथालॉजी

कलेक्टर अग्रवाल द्वारा डॉ. विकास जैन के घर में संचालित पेथालॉजी पर की गई कार्रवाई के संबंध में दिए गए प्रतिवेदन में बताया कि इन्हें भी प्रभारी विशेषज्ञ का पद दिया गया है। आपातकालीन रोस्टर के हिसाब से 17 जुलाई एवं 26 जुलाई को इनकी ड्यूटी लगाई गई है, परंतु उन्होंने ड्यूटी करने से इन्कार किया है। जबकि उनके निज निवास पर नियम विरूद्ध तरीके से पेथोलॉजी लेब का संचालन किया जा रहा है। नियमों के हिसाब से शासकीय चिकित्सक कर्तव्य की अवधि के बाहर मात्र निज निवास पर चिकित्सा परामर्श देने की छूट है, शासकीय डॉक्टरों को निज निवास पर बड़े उपकरण, पेथोलॉजी, सोनोग्राफी एवं नर्सिंग होम चलाने की पात्रता नहीं है। डॉ. विकास जैन द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था।


जनता खुश, डॉक्टर नाखुश: जिला अस्पताल में इलाज के नाम पर सक्रिय दलाल प्रथा, कमीशनखोरी, सही इलाज न मिलने से जनता काफी परेशान है परंतु कलेक्टर द्वारा शुक्रवार को की गई इस कार्रवाई का जनता में सकारात्मक असर देखा गया। लोगों ने इस कार्रवाई को अच्छा बताया। स्थानीय लोगों के मुताबिक अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा केवल खानापूर्ति की जा रही है। सही इलाज तो केवल घर पर ही किया जाता है। मरीजों को वहां तक पहुंचाने के लिए बाकायदा दलाल सक्रिय रहते हैं। परंतु इस कार्रवाई से डॉक्टर नाखुश नजर आए और देर शाम तक सभी एकत्रित होकर काम से दूरी बनाए रहे।

Home / Tikamgarh / ड्यूटी थी इमरजेंसी में, कर रहे थे प्राइवेट प्रेक्टिस

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो