शाम को पहुंचे सर्जन: यह महिलाएं सुबह से ही नसबंदी ऑपरेशन के लिए इंतजार कर रही थी, वहीं डॉ केके चतुर्वेदी शाम को 5.30 बजे के लगभग यहां पहुंचे। इसके बाद इन्होंने सीधे महिलाओं को बेहोशी के इंजेक्शन लगा दिए और ओटी में चले गए। यहां पर उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉ महेन्द्र कोरी को बुलाया। लेकिन महेन्द्र कोरी बिच्छू के दंश से पीडि़त एक मरीज को देख रहे थे। डॉ कोरी ने मरीज को देखकर आने की बात कहीं तो डॉ चतुर्वेदी भड़क गए और सीधे वापस चले गए। वहीं यह महिलाएं अचेत अवस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पड़ी रही।
ठीक नही था रवैया: डॉ महेन्द्र कोरी ने बताया कि वैसे डॉ केके चतुर्वेदी ने आते ही तुनक कर सीधे पूछा कि कहां है कि डॉक्टर और बीएमओ। बीएमओ के टीकमगढ़ में चुनाव बैठक में होने की जानकारी के बाद वह सीधे मरीजों के पास पहुंचे और बेहोशी के इंजेक्शन लगा दिए और मुझे बुलाया। मैने मरीज को देखने के बाद आने की बात कहीं तो भड़क गए। डॉ कोरी का कहना है कि उनका रवैया ठीक नही थी। इसके बाद महिला मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ही भर्ती किया गया है।
डॉक्टरों की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल: इस घटना के बाद डॉक्टरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे है। जिस किसी को भी इसकी जानकारी हो रही है, वह यही कह रहे है कि अब इन लोगों में मानवीयता नही रही। डॉक्टरों का पेशा सेवा है। इसलिए उन्हें भगवान की उपमा दी जाती है। लेकिन इस प्रकार की लापरवाही जाहिर करती है कि अब डॉक्टरों में किसी प्रकार की मानवीयता नही रही। लोगों ने प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करने की मांग की है।
कहते है अधिकारी: मैं टीकमगढ़ में चुनाव मीटिंग में हूं। मुझे किसी प्रकार की जानकारी नही है। मैं मीटिंग के बाद मामले की जानकारी करूंगा। उसी के बाद कार्रवाई की जाएगी।- डॉ राकेश कुमार, बीएमओ, पलेरा।