अप्रैल माह जैसे-जैसे समाप्त होने की कगार पर आ रहा है, वैसे-वैसे तापमान भी चढ़ता जा रहा है। इस तापमान का असर जलश्रोता पर भी पडऩे लगा है। अब यह तापमान लगातार ऊपर जाएगा। ऐसे में जलश्रोता से पानी सूखना शुरू हो जाएगा और नगर सहित अन्य क्षेत्रों में पेयजल की समस्या होगी। विदित हो कि इस पिछले चार साल का सूख झेल चुके जिले में ठीक बारिश हुई थी और औसत बारिश का आंकड़ा 900 मिमी पर पहुंच गया था, जबकि जिले की औसत बारिश 1000.2 मिमी है। इस प्रकार इस बार जिले में औसत बारिश से भी 100 मिमी कम बारिश दर्ज की गई है।
इसलिए होगी समस्या: विदित हो कि पिछले चार साल से पड़े लगातार सूखे के कारण इस बार जिले के अधिकांश जलश्रोतों की स्थिति बहुत खराब हो गई थी। आलम यह था कि इस बार सिंचाई विभाग के लगभग 90 प्रतिशत जलश्रोत डेड लाईन से भी नीचे चले गए थे। कृषि विभाग ने तो खरीफ की फसल को पानी देने से साफ मना कर दिया था। ऐसे में इस बार औसत से कम हुई बारिश के कारण जिले के जलश्रोत में भी उतना पानी संकलित नही हो सका है, कि इस बार गर्मियों में पानी की समस्या न आए।
बल्देवगढ़ के हाल गंभीर: जिले में सबसे ज्यादा पानी की समस्या बल्देवगढ़ विकासखंड में देखी जा रही है। इस बार भी यह क्षेत्र सूखे की चपेट में है। इस बार यहां पर सबसे कम 645 मिमी बारिश दर्ज की गई है। बल्देवगढ़ में अभी से पेयजल संकट गहराने लगा है। नगर के लगभग 50 प्रतिशत से अधिक वार्डों में पानी जाना बंद ही हो गया है। वहीं जतारा एवं टीकमगढ़ में भी नगरीय निकायों द्वारा एक दिन छोड़ एक दिन पानी दिया जा रहा है। टीकमगढ़ के कुछ वार्डों में तो दो दिन में एक बार पानी दिया जा रहा है।
निवाड़ी जिले में नही होगी समस्या: विदित हो कि इस बार निवाड़ी जिले में पेयजल की समस्या किसी प्रकार से नही होगी। इस बार इंद्रदेव ने निवाड़ी जिले में जमकर कृपा बरसाई है। निवाड़ी जिले में इस बार औसत बारिश से 445 मिमी अधिक बारिश दर्ज की गई है। इस बार निवाड़ी में 1344 मिमी, पृथ्वीपुर में 1374 एवं ओरछा में सर्वाधिक 1619 मिमी बारिश दर्ज की गई है। यहां के आंकड़ों को मिला ले तो यह औसत बारिश से लगभग डेढ़ गुना होता है।
यह है टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले में बारिश की स्थिति(औसत बारिश 1000.2 मिमी)
टीकमगढ़ जिला निवाड़ी जिला
तहसील बारिश का आंकड़ा तहसील बारिश का आंकड़ा
टीकमगढ़ 995 निवाड़ी 1344
बल्देवगढ़ 645 पृथ्वीपुर 1374
जतारा 1011 ओरछा 1619
पलेरा 950
(आंकड़े मिमी में)