संभाग में देखा जाए तो सागर जंहा दो दिन पहले तक पहले नंबर पर था,वहीं खिसक कर चौथे नंबर पर आ गया है। खास बात है कि रोजाना जिले में किए जा रहे कार्यो को ऑनलाइन करने के बाद रैकिंग बदल रही है। लेकिन प्रदेश के टॉप टेन शहरो में शुमार होने की जगह नीचे आने से जिले के स्वास्थ्य महकमे की सुस्त गति का पता चल रहा है।
१० जून से शुरू हुआ था अभियान
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने दस्तक अभियान १० जून से शुरू किया था। यह अभियान २० जुलाई तक जारी रहेगा। दस्तक अभियान प्रदेश सरकार का नवाचार है । जिसे अन्य राज्यों द्वारा अपनाया गया। राज्य में बाल मृत्यु दर अभी भी अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक है ।
जिसके चलते यह अभियान वर्ष में 2 चरणों में चलाया जाता है।दस्तक दल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता व एएनएम शामिल रहेंगी। अभियान की सेवाओं में 0 से 5 साल तक के बच्चों में दस्त रोग से ग्रस्त बच्चों को चिन्हांकित कर रैफर करना,
एनीमिया की पहचान करना, गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए वृद्धि निगरानी करना, जन्मजात विकृति की पहचान करना, निमोनिया आदि को पहचान कर संदर्भित बच्चों को रेफर करना शामिल किया गया है।
नही बढ़ रही रैकिंग
दस्तक अभियान के तहत बनाए गए दलो की कार्यप्रणाली और अधिकारियो की मॉनीटरिंग को इस बात से समझा जा सकता है कि टीकमगढ़ की रैकिंग १७वे नंबर से आगे नही गई है। दो दिन इसी पायदान पर रहने के बाद सीधा २८वें नंबर पर आ गया। खास बात है कि संभाग की बात करे तो सागर दो दिन पहले तक पहले नंबर पर था,लेकिन रैंकिग बरकरार न रख पाने पर दो दिन में ही चौथे नंबर पर आ गया।
वही संभाग का पन्ना जिला१६वें, दमोह जिला १८वें और छतरपुर जिला अभियान में २१वें नंबर पर रहा। दस्तक अभियान २० जुलाई तक होने के कारण उतार चढाव जारी रहेगा। खास बात है कि प्रदेश के महत्वपूर्ण अभियान में प्रदेश की राजधानी भोपाल २३वें नंबर और प्रदेश की आर्थिक राजधानी और स्वास्थ्य मंत्री का जिला इंदौर ३७वें नंबर पर ९ जुलाई की रैंकिग में दर्ज किया गया।
कहते है अधिकारी–
जिले में दस्तक अभियान में लगातार काम किया जा रहा है। जिले की स्थिति प्रदेश में मध्य में है। बेहतर रैंकिग के प्रयास किए जा रहे है।
डॉ. पीके माहौर जिला टीकाकरण अधिकारी एंव प्रभारी दस्तक अभियान