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इधर बजट ने रोक दिया विकास, ठेकेदारों का सरकार पर करोड़ो बकाया

locationटीकमगढ़Published: Mar 28, 2019 08:52:12 pm

Submitted by:

anil rawat

मनरेगा सहित तमाम विकास कार्य प्रभावित, चुनाव के बाद बजट मिलने की उम्मीद

Economic Depression in Departments

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टीकमगढ़. विभिन्न विभागों बजट की कमी होने से विकास कार्य बाधित हो रहे है। लगातार चल रहे चुनाव के कारण लगभग सभी विभागों में यही समस्या देखने को मिल रही है। जिले के विभिन्न विभागों की माने तो लगभग 12 से 15 करोड़ रूपए के भुगतान लंबित बने हुए है। भुगतान न होने के कारण ठेकेदारों ने काम बंद कर दिए।


लगातार चल रहे चुनाव और प्रदेश सरकार के पास बजट के अभाव में जिले के तमाम विकास कार्य बाधित बने हुए है। लोक निर्माण विभाग, पीएचई के साथ ही मनरेगा योजना पर भी बजट का असर साफ दिखाई दे रहा है। विभिन्न विभागों में बजट के अभाव से लगभग एक दर्जन योजनाएं अधर में लटकी हुई है। इसके साथ ही मनरेगा में भी मजदूरों की सवा करोड़ के लगभग मजदूरी बकाया बनी हुई है। ऐसे में जहां मजदूर परेशान है, वहीं ठेकेदारों का भुगतान न होने से उन्होंने भी काम बंद कर दिए है। लोक निर्माण विभाग की आधा दर्जन से अधिक सड़कों के काम बंद पड़े हुए है।


पीडब्ल्यूडी की आधा दर्जन सड़के बंद: लगातार चुनाव के बीच प्रदेश सरकार का बजट पेश न होने के कारण यह समस्या बताई जा रही है। समय से बजट आवंटन न होने के कारण सबसे ज्यादा असर लोक निर्माण विभाग के कामों पर दिखाई दे रहा है। विभाग द्वारा टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले मेें मिलाकर कुल 7 छोटी-बड़ी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन पिछले पांच-छ: माह से बजट आवंटित न होने के कारण ठेकेदारों ने इन सड़कों के काम बंद कर दिए है। बजट के अभाव में टीकमगढ़ से बानपुर, कारी तिगैला से मवई तिगैला, सागर-ललितपुर बायपास मार्ग सहित जतारा एवं निवाड़ी जिले के भी एक-एक काम बंद पड़े हुए है। विभाग की माने तो इन कामों में ठेकेदारों के लगभग 3 से 4 करोड़ के बिल लंबित पड़े हुए है। इस कारण ठेकेदार आगे का काम नही कर पा रहे है।

 

केन्द्र की मनरेगा में भी अभाव: इसके साथ ही केन्द्र सरकार की मनरेगा योजना भी बजट के अभाव में दम तोड़ती नजर आ रही है। यहां भी जनवरी माह से बजट का आवंटन नही हुआ है। बजट न मिलने के कारण मजदूरी से लेकर मटेरियल तक के बिल अटके हुए है। जिला पंचायत की माने तो वर्तमान में पूरे जिले में मजदूरी का 1.23 करोड़ एवं मटेरियल का 6 करोड़ के लगभग बकाया बना हुआ है। बजट न मिलने के कारण सबसे ज्यादा परेशान मजदूर वर्ग के लोग दिखाई दे रहे है। पुरानी मजदूरी न मिलने से अब वह भी काम नही कर रहे है और उन्हें काम की तलाश में पलायन करना पड़ रहा है।


चुनाव के बाद आने की उम्मीद: विभिन्न योजनाओं का बजट न आने का कारण लगातार हो रहे चुनाव बताए जा रहे है। विदित हो कि पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव होने के बाद प्रदेश में नई सरकार का गठन हुआ। सरकार अपना काम शुरू कर बजट पारित भी नही कर पाई थी कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। ऐसे में लगभग हर विभाग में बजट की कमी देखी जा रही है। अब विभागों को लोकसभा चुनाव के बाद ही बजट मिलने की आस है। ऐसे में अभी दो माह और इन कामों के बंद रहने के आसार बने हुए है।

कहते है अधिकारी: कुछ ठेकेदारों के भुगतान करा दिए है। शेष के भुगतान भी जल्द कराए जाएंगे। सभी कामों को जल्द ही शुरू कराया जाएगा और विभाग समय-सीमा में इन्हें पूरा कराएगा।- केके शर्मा, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, टीकमगढ़।
जनवरी माह से बजट का आवंटन प्राप्त नही हुआ है। वर्तमान में मनरेगा में 1.23 करोड़ रूपए मजदूरी के एवं 6 करोड़ के लगभग मटेरियल का ड्यू बना हुआ है। बजट आते ही भुगतान कराया जाएगा।- राजीव सेन, लेखाधिकारी, मनरेगा, टीकमगढ़।

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