उनका कहना था कि मई और जून की निवाड़ी और टीकमगढ़ जिले में १7 हजार ३०० जांच मलेरिया की हो गई है। साथ ही कुछ ही फाइलेरिया की १५० के साथ चिकनगुनियां की जांचे की गई है। चुनाव के बाद जांचों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। मोहल्लों में फैली गंदगी को खत्म करने के लिए स्थानीय लोगों को जागरुक किया जाएगा। जिससे आगामी समय में बीमारियों का सामना नहीं करना पड़े।
नगरपालिका के साथ गांव में बीमारी फैलने का डर
नगरपालिका, नगरपरिषदों के साथ बड़ी ग्राम पंचायतों में गंदगाी आलम बना हुआ है। उस गंदे पानी की निकासी के लिए कोई जगह भी नहीं मिल रही है। जिसके कारण उसमें कई प्रकार के कीटाणु पनप रहे है। मामले की शिकायत नगरपालिका, ग्राम पंचायतों के साथ जनपद पंचायतों में की गई है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। नगरपालिका टीकमगढ़ के मोटे का मोहल्ला, केशव कॉलोनी, ढोंगा, बानपुर दरवाजा, शक्ति टॉकीज, किले के पीछे, जेल के सामने, ईदगाह के सामने गंदा पानी भरा हुआ है।
इनका कहना
अभी हाल में दोनों में मलेरिया, फाइलेरिया, चिकनगुनियां और डेंगू के मरीज नहीं आ रहे है। लेकिन अन्य शहरों में मामले सामने आने लगे है। जिसको लेकर विभाग ने तैयारियां शुरु कर दी है। नगरपालिका और ग्राम पंचायतों में भरे गंदे पानी को निकालने के लिए जागरू क किया जाएगा। जिससे जिला खतरों से दूरी बना सके।
हरीमोहन रावत मलेरिया अधिकारी टीकमगढ़।