scriptअब हर कृषि महाविद्यालय का अलग होगा मोनो और झंडा | every Agricultural University Mono flag different | Patrika News

अब हर कृषि महाविद्यालय का अलग होगा मोनो और झंडा

locationटीकमगढ़Published: Jul 20, 2018 12:52:11 pm

Submitted by:

anil rawat

कुलपति ने दिए आदेश, वर्तमान में सभी जगह चलता है एक ही मोनो और झण्डा

every Agricultural University Mono flag different

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टीकमगढ़. अब हर कृषि महाविद्यालय का अपना खुद का अलग मोनो और झण्डा होगा। इसके लिए कृषि महाविद्यालय प्रबंधन ने झण्डा और मोनो को डिजायन करना शुरू कर दिया है। इसके लिए कृषि विश्व विद्यालय जबलपुर के कुलपति ने सभी महाविद्यालय के डीन को निर्देश जारी किए है। विदित हो कि वर्तमान में सभी महाविद्यालय में जबलपुर विश्वविद्यालय का मोनो और झण्डा ही उपयोग किया जाता है।
कृषि विश्व विद्यालय जबलपुर से संबंध प्रदेश के 6 महाविद्यालय में एक ही मोनो और झण्डे का उपयोग किया जाता था। यह मोनो और झण्डा हर महाविद्यालय के लेटर पेड, अंक सूची, सहित तमाम महात्वपूर्ण दस्तावेजों पर अंकित किया जाता था। लेकिन अब जल्द ही इसमें बदलाव होगा। अब प्रदेश में सभी महाविद्यालयों का खुद का मोनो और झण्डा अलग होगा। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने इसके लिए सभी महाविद्यालयों को निर्देश जारी किए है। यह निर्देश मिलने के बाद महाविद्यालय के डीन ने इसके लिए प्रबंधन को जिले के हिसाब से झण्डा और मोनो को डिजायन करने के आदेश दिए है।

जल्द ही पूरी हो जाएगी डिजायन: मोनो और झण्डा का डिजायन तैयार कर रहे महाविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ एमके नायक ने बताया कुलपति के आदेश पर जिले के महाविद्यालय का पृथक झण्डा और मोनो तैयार किया जा रहा है। इसकी डिजायन को जल्द ही तैयार कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि झण्डे को पीले और हरे रंग से बनाया जा रहा है। जबकि मोनों में किताब, कृषि और जिले के पर्यावरण को दर्शाने का प्रयास किया जा रहा है। उनका कहना था कि कुलपति द्वारा डिजायन को फायनल करने के बाद अब महाविद्यालय के सभी महात्वपूर्ण दस्तावेजों पर एक ओर विश्वविद्यालय का और दूसरी ओर महाविद्यालय का मोनो अंकित किया जाएगा। इससे कहीं भी इन दस्तावेजों को देखकर यह आसानी से बताया जा सकेगा कि यह किस महाविद्यालय के दस्तावेज है।
कहते है अधिकारी: कुलपति महोदय के निर्देशन पर इसकी डिजायन पर काम शुरू कर दिया गया है। कुछ डिजायन भेजे गए थे, लेकिन उनके कुछ सुधार करने के निर्देश दिए गए है। जल्द ही डिजायन फायनल कर ली जाएगी।- डॉ एमके नायक, कृषि वैज्ञानिक, कृषि महाविद्यालय, टीकमगढ़।

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