इस दौरान टीकमगढ़ जिला प्रशासन ने जहां जिले के सबसे पहली बांध परियोजना राजेन्द्र सागर नगदा बांध की 250 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया तो वहीं निवाड़ी प्रशासन ने ओरछा के वनगांय में राजस्व विभाग की 35 एकड़ जमीन से दबंगों को बेदखल कर दिया है। कीमत 28 करोड़ रुपए बताई गई है।
जिले में शासकीय जमीनों पर कब्जा कर उस पर खेती करने और बेचने का काम सालों से होता आ रहा है। शासन के मौन रहने पर स्थानीय प्रशासन भी ऐसे मामलों पर चुप्पी साधे रहता था और अतिक्रमणकारियों के हौसलें भी सीमाओं को लांघते जा रहे थे। लेकिन अब शासन के आदेश मिलते ही प्रशासन भी सख्त हो गया है और दोनों जिलों में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एक के बाद एक कार्रवाई शुरू हो गई है। रविवार को दोनों जिलों के प्रशासन ने एक साथ कार्रवाई को अंजाम देकर 285 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा दिया है।
हो रही थी कॉलोनी की प्लॉनिंग
पर्यटन नगरी ओरछा में जमीन की कीमतें इन दिनों आसमान छू रही है। ऐसे में यहां पर शासकीय जमीनों पर लंबे समय से कब्जा, नियम विरूद्ध तरीके तरमीम कराने के काम जारी है। आलम यह है कि यहां पर यूपी के भूमाफिया सक्रिय है और एकड़ों जमीन पर कब्जा कर रहे है।
रविवार को एक सैकड़ा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे प्रशासन ने सख्ती से अतिक्रमण हटा दिया। प्रशासन यहां पर चार जेसीबी मशीन लेकर पहुंचा था। इसके साथ ही एसडीएम, तहसीलदार सहित तमाम अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।
इधर बांध की जमीन हुई खाली
वहीं रविवार को ही टीकमगढ़ कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी के निर्देशन पर प्रशासन ने राजेन्द्र सागर नगदा बांध की जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त करा लिया। यहां पर अतिक्रमणकारियों द्वारा 250 एकड़ जमीन पर कब्जा कर खेती की जा रही थी। साथ ही एक दर्जन से अधिक मकान बना लिए गए थे।
बताया जा रहा है कि यह जमीन बांध के डूब क्षेत्र की है। बांध का पानी कम होने पर किसान इस पर खेती करते थे और सिंचाई विभाग बदले में जुर्माना लगाता था। प्रशासन के ध्यान न देने पर इन लोगों ने बांध की इस जमीन पर मकान बनाकर स्थाई कब्जा कर लिया था।
ऐसे में प्रशासन ने रविवार को दो दर्जन से अधिक ट्रेक्टर और जेसीबी की मदद से कब्जाधारियों को बेदखल कर दिया। दोपहर 2 बजे से शुरू हुई यह कार्रवाई देर शाम तक जारी रही। इस दौरान टीकमगढ़ एसडीएम सीपी पटेल, तहसीलदार आरपी तिवारी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल साथ रहा।