जतारा जनपद के खातें से फर्जी हितग्राहियों के खातों में स्थानांतरण की गई राशि के मामले में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। पत्रिका ने एक इस मामले में जब एक फर्जी हितग्राही से बात की तो उसने पूरी सच्चाई उजागर कर दी। गांव के दबंग सरपंच एवं पीसीओ के डर से खुद का नाम छिपाते हुए हितग्राही ने बताया कि वह तो गरीब मजदूर है। उससे तो विक्रम सिंह(बट्टू राजा) एवं पीसीओ ओपी दांगी ने कहा था कि उनका कुछ सरकारी पैसा आना है, लेकिन खाता होल्ड है। इसलिए तुम अपना नंबर दे दों। इनके कहने पर उसने अपना नंबर दे दिया और कुछ दिन बाद उसके खातें में 1 लाख 20 हजार रुपए आ गए।
सीइओ के नाम पर दिया शपथ-पत्र
इस हितग्राही ने बताया कि जब यह लोग उससे रुपए लेने आए तो इनके द्वारा एक शपथ पत्र दिया गया था। इसमें कुछ अन्य लोगों के नाम थे। यह शपथ-पत्र जनपद जतारा के सीइओ आनंद शुक्ला के नाम पर है। इसमें सीइओ शुक्ला के द्वारा यह राशि नकद वापस लेने की बात कहीं जा रही है। इसमें दो लोगों के साक्षी के तौर पर हस्ताक्षर है। इस हितग्राही का कहना था कि मुझे तो पेपरों के माध्यम से अपने नाम की जानकारी हुई। मुझे तो इस मामले का कुछ पता हीं नहीं है।
लंबी है साजिश
यह शपथ-पत्र सामने आने के बाद खुद जनपद सीइओ शुक्ला परेशान दिखाई दिए। उनका कहना है कि यह लंबी साजिश है। वह इस पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करेगे। वहीं उन्होंने यह शपथ-पत्र एसडीएम संजय सौरभ को भेजकर पूरी जानकारी दी है। यह शपथ-पत्र सामने आने के बाद यह भी साफ हो रहा है कि जिनके द्वारा यह साजिश की गई है, वह सोच-समझ कर की गई है, ताकि भविष्य में यदि किसी प्रकार की जांच हो तो मामला उलझ जाए। वर्तमान सीइओ के नाम का शपथ-पत्र सामने आने के बाद यह भी लग रहा है कि जांच में कुछ पुराने सीइओ के नाम के भी शपथ-पत्र मिल सकते है।
2013 से चल रहा फर्जीवाड़ा
वहीं सूत्रों की माने तो यह पूरा फर्जीवाड़ा वर्ष 2013 से चल रहा है। इस मामले में कुछ पंचायतों के सचिव, पीसीओ एवं जनपद के एक बाबू के साथ ही कुछ बैंक के कर्मचारी भी शामिल है। सूत्र बताते है कि इस मामले में सितम्बर में जिला पंचायत मेें पत्र लिखकर स्पेशल ऑडिट कराने की बात कहीं गईथी, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया और इसी माह मेें 30 लाख रुपए का बंदरवाट हो गया।
कहते है अधिकारी
इस मामले की हर पहलू से जांच कराई जा रही है। यह मामला गंभीर है। इसमें जो-जो लोग भी शामिल होंगे किसी को नहीं बख्शा जाएगा। पुलिस भी जल्द ही मामले की जांच करा दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करेगी।- संजय सौरभ सोनवणे, एसडीएम, जतारा।