जिला अस्पताल आई हरिशचंद्र की पत्नी देवका ने बताया कि उसके पति लगभग 25 एकड़ जमीन किराए पर लेकर खेती कर रहे थे। तीन बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए हरिशचंद्र ने कुछ जमीन जहां किराए पर ली थी, वहीं कुछ जमीन को आधी-आधी फसल पर किराए पर लिया था। जमीन का किराया और उसमे खेती के लिए लगभग 3 लाख रुपए का कर्जा लिया था। सोचा था अच्छी फसल होने पर सब चुका देंगे। लेकिन बारिश ने पूरी फसल खराब कर दिया।
पानी रूकने के बाद कुछ दिनों से खेत से फसल निकल रही थी। लेकिन इसमें कुछ नहीं निकल रहा था। इससे हरिशचंद्र परेशान था। सोमवार को देवका सुबह खेत पर फसल निकालने चली गई थी और हरिशचंद्र घर पर ही था। इस बीच 9 बजे के लगभग उसके पास खबर आई कि हरिशचंद्र ने घर पर फंदा लगा लिया हैं। हरिशचंद्र के फंदा लगाने की जानकारी होने पर परिवार के सदस्यों एवं पड़ौसियो ने तत्काल ही उसे फंदे से उतार लिया। लेकिन तब तक गला फंस जाने के कारण उसकी हालत खराब हो गई। उसे लेकर परिजन सीधे जिला अस्पताल पहुंचे।
यहां पर हरिशचंद्र की पत्नी देवका एवं भतीजे कल्लू राजपूत ने बताया कि फसल खराब होने से वह परेशान था। उसे चिंता थी कि अब वह कर्ज कहा से चुकाएगा। इसे लेकर उसने यह कदम उठाया। पत्नी देवका जहां लगभग 3 लाख रुपए का कर्ज बता रही हैं, वहीं भतीजा कल्लू लगभग डेढ़ लाख का कर्ज होने की बात कह रहा हैं।