scriptवन भूमि पर किया था अतिक्रमण, अब काटनी पड़ेगी जेल | Forest land was encroached now it will be bitten by jail | Patrika News

वन भूमि पर किया था अतिक्रमण, अब काटनी पड़ेगी जेल

locationटीकमगढ़Published: Sep 08, 2018 10:58:01 am

Submitted by:

Neeraj soni

वन भूमि में अतिक्रमण के मामले में सुनवाई करते हुए आज मामले के तीन आरोपियों को छह-छह माह के कारावास एवं दो-दो हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है

Forest land was encroached now it will be bitten by jail

Forest land was encroached now it will be bitten by jail

टीकमगढ़. प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ओरछा प्रशांत शुक्ला ने एक वर्ष पूर्व वन भूमि में अतिक्रमण के दर्ज मामले में सुनवाई करते हुए आज मामले के तीन आरोपियों को छह-छह माह के कारावास एवं दो-दो हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मामले की पैरवीकर्ता एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अर्चना जौहरया ने बताया कि 9 जून 2017 को सुबह 6 बजे परिक्षेत्र सहायक वीट गार्ड लाड़पुरा एवं दो सुरक्षा श्रमिकों के साथ बीट लाड़पुरा के कक्ष क्रमांक-पी-171 में तीन अपराधी लोहे के कटीले तार से जंगल क्षेत्र में सतकटा हलकट पलास की बल्लियों को जमीन में गाड़ कर अतिक्रमण कर चारों ओर फेंसिंग कर रहे थे। उन्हें रोकने पर उन्होंने कहा कि उनके द्वारा यह बहुत समय से खेती की जा रही है। आरोपियों ने अपने नाम कोमल पुत्र बैजनाथ यादव (48), ओमप्रकाश पुत्र बैजनाथ यादव (36) एवं राजेश पुत्र बैजनाथ यादव (30) निवासी ग्राम मडोर बताया। इन तीनों के विरूद्ध वन विभाग द्वारा भारतीय वन अधिनियम की धारा 1927 की धारा 33(1) ग के तहत मामला कायम किया गया था। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ओरछा प्रशांत शुक्ला ने सुनवाई उपरांत इस मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को इन धाराओं में दोषी पाते हुए छह-छह माह के कारावास एवं दो-दो हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

पति-पत्नि को सुनाई सजा: प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने छह वर्ष पूर्व घटित एक मारपीट के मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी पति-पत्नि को कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है।
पैरवीकर्ता एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी एनपी पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 जून 2012 को सुबह 7 बजे कुईयां खेत अंतर्गत थाना खरगापुर क्षेत्र में फरियादी जानकी बाई के साथ धारदार हथियार कुल्हाड़ी, हंसिया से चोट पहुंचाई गई। पुलिस ने इस मामले में रामचरन राजपूत (66) एवं उसकी पत्नि किशन दुलारी (64) के विरूद्ध धारा धारा 323, 324, 34 आईपीसी के तहत मामला कायम किया था। मामले के साक्षियों ने अभियोजन कहानी का समर्थन किया और विशेषज्ञ डॉक्टर ने भी इसकी पुष्टि की। इस मामले की सुनवाई उपरांत प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने धारा 324 आईपीसी में रामचरण को दोषी पाते हुए एक वर्ष के कारावास एवं 300 रूपए के अर्थदंड तथा धारा 323 में 200 रूपए के अर्थदंड, वहीं आरोपी किशनदुलारी को धारा 323 में 200 तथा 324 में 300 रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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