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एक साथ चार मासूमों की चिता जलती देख बिलख पड़ा गांव, नहीं जला चूल्हा

locationटीकमगढ़Published: Sep 28, 2018 01:40:35 pm

Submitted by:

anil rawat

मामूसों के शव देख कोई यह मानने को तैयार नही था कि अब यह दुनिया में नही रहे

Four innocent people were drowned in the pond

Four innocent people were drowned in the pond

टीकमगढ़. जैसे ही बच्चों के शव गांव में पहुंचे, पूरा गांव बिलख पड़ा। सफेद कपड़ों से ढके इन मामूसों के शव को देखकर कोई यह मानने को ही तैयार नही था कि यह बच्चें अब इस दुनिया में नही रहे। कल तक इन मासूमों की शरारत को देख कर गांव के जो वृद्धजन इन्हें डांटते थे कि कभी तो शांत रहा करों। आज वह इन बच्चों के शांत होने पर रो रहे थे। वह चाह रहे थे यह उठे और फिर शरारत करें, लेकिन नियति के आगे कब किसी की चली है। परिजनों को तो सुध भी नही थी कि आखिर यह हो क्या गया है।
मोहनगढ़ थाने के ग्राम गोर में बुधवार की शाम एक ऐसा जख्म लेकर आई कि शायद ही इस जन्म में यह भर सके। गोर के तालाब में नहाने गए विपिन उर्फ विक्की पुत्र नीरज मिश्रा 13 वर्ष, विजय पुत्र संतोष समेले 14 वर्ष, आभाष पुत्र काशीराम चतुर्वेदी 15 वर्ष एवं निखिल उर्फ छोटू पुत्र राजेन्द्र जैन 14 वर्ष की डूबने से मौत हो गई थी। बुधवार की देर शाम परिजन ग्रामीणों की मदद से इन बच्चों को जिला अस्पताल ले गए थे। यहां पर इनकी मौत की पुष्टि के बाद इनके शवों को पीएम के लिए रखवा दिया गया था। सुबह पीएम होने के बाद बच्चों के शव गांव भेजे गए।
हर आंख थी नम: इस घटना के बाद से हर कोई बैचने था। जैसे ही इन बच्चों के शव गांव में पहुंचे हर किसी का सब्र टूट कर आंखों से बह निकला। परिजनों का हाल बेहाल था, वहीं किसी को यह भी नही सूझ रहा था कि आखिर वह परिजनों को झूठी दिलासा भी दें कैसे। इन बच्चों के शव को देखकर हर कोई बस रोए जा रहा था। लेकिन नियति के आगे बेबस लोगों ने जैसे-तैसे हृदय पर पत्थर रखकर इन बच्चों का अंतिम संस्कार कराया। गांव के मुक्तिधाम में एक साथ इन चारों मित्रों को अंतिम विदाई दी गई।

5 बहिनों का अकेला भाई था आभाष: इस घटना में मृत हुए आभाष, अपनी पांच बहिनों का अकेला भाई थी। आभाष की मौत के बाद इन बहिनों का भी हाल बेहाल था। इस हृदय विदारक घटना के बाद हर कोई भगवान से भी यही पूछ रहा था कि आखिर यह तेरा कैसा न्याय है। यह घटना अपने पीछे अनेक ऐसे दंश छोड़ गई है, जो शायद ही जिंदगी में भर पाए।
आंखों में कटी रात: घटना के बाद गांव के कुछ लोग जहां जिला अस्पताल के बाहर ही रूके थे, वहीं पूरा गांव इन चारों बच्चों के घरों में बैठा रहा। कोई किसी से कुछ नही बोल रहा था, मन में हजार सवाल थे, लेकिन सब मौन थे। रात थी कि कटने का नाम ही नही ले रही थी। जैसे-तैसे लोगों ने रात गुजारी और सुबह होने पर बच्चों के शव आने का इंतजार करते रहे। पूरी रात गांव में किसी के यहां खाना नही बना।
अवैध खनन बना कारण: तालाब में डूबे इन बच्चों की मौत का कारण तालाब में गहरीकरण के नाम पर हुए अवैध एवं अनियंत्रित खनन को बताया जा रहा है। विदित हो कि पिछले कई वर्षों से लगातार पड़े सूखे के कारण कई बार इस तालाब में गहरीकरण के नाम पर खनन किया गया है। गहरीकरण के नाम पर मुरम का कारोबार करने वाले लोगों द्वारा अनियंत्रित तरीके से तालाब को अपनी मनमर्जी से खोदा गया है। इसी खुदाई के कारण तालाब के किनारों पर जहां-तहां बड़े-बड़े गड्डे कर दिए गए है। यह गड्डे की इन बच्चों के डूबने का कारण बने है।
सभी पहुंचे अंतिम संस्कार में: घटना की जानकारी होने पर केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार, विधायक अनीता नायक, पूर्व विधायक बृजेन्द्र सिंह राठौर, भाजपा जिलाध्यक्ष अभय प्रताप सिंह यादव, रमन पस्तोर, टीकमगढ़ मंडी अध्यक्ष सूर्यप्रकाश मिश्रा, भाजपा नेता अनिल पाण्डे, ओपी दीक्षित, रूपेश तिवारी बंटी, राकेश शर्मा सहित क्षेत्र के अनेक जनप्रतिनिधि अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पहुंचे।

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