जमकर उड़ी गुलाल: रिद्धि-सिद्धि के दाता गणपति को अगले वर्ष आने की कामना के साथ उल्लास के साथ अंतिम विदाई दी गई। युवाओं द्वारा मनोहारी झांकिया सजा कर चल समारोह निकाला गया। इस दौरान युवाओं ने जमकर गुलाल उड़ाई। चल समारोह पूरे बाजार से निकला। इसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग बाजार में उपस्थित रहे। उल्लास के विसर्जन के लिए पहुंचे युवाओं ने नम आंखों से गणपति को विदा कर सुख-शांति की कामना की।
बच्चों में भी दिखा उत्साह: गणपति विसर्जन को लेकर बच्चों में भी खासा उत्साह देखा गया। घरों में विराजे बाल गणेश को बच्चें अपनी गोद में लेकर विसर्जन कुण्ड पर पहुंचे। यहां पर बच्चों के चेहरों पर भी गणपति से बिछुडऩे की कसक दिखाई दे रही थी। अपने परिजनों के साथ विसर्जन कुण्ड पर पहुंचे बच्चों ने भी गणपति को अपने हाथों से जल मेें विसर्जित किया।
क्रेन से हुआ विसर्जन: इस वर्ष भी प्रशासन ने विसर्जन के लिए क्रेन की व्यवस्था की थी। छोटी गणेश प्रतिमाओं को जहा नाव के सहारे कुण्डे में विसर्जन को ले जाया जा रहा था, वहीं बड़ी प्रतिमाओं को क्रेन के सहारे कुण्डे में विजर्सन कराया गया। कुण्ड में किसी प्रकार की दुर्घटना न हो, इसके लिए पिलर बनाकर उसमें पाईप की रैलिंग लगाई गई थी। इसके साथ ही कुण्ड के पास बड़ी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया था। वहीं गोताखोरों की व्यवस्था भी की गई थी। एसडीएम गनेश जायसवाल,कोतवाली टीआई नवल आर्य ,नगरपालिका अधिकारी के साथ भारी पुलिस तैनात हुआ।
अन्य स्थानों पर भी हुआ विसर्जन: महेन्द्र सागर पर बने कुण्ड के साथ ही कुछ लोगों ने झीरकी बगिया तालाब, सुधासागर, कुण्डेश्वर सहित अन्य स्थानों पर प्रतिमाओं का विसर्जन किया। यहां पर भी प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर गोताखोर और पुलिस बल तैनात कर रखा था। चल समारोह को देखते हुए नगर के प्रमुख चौराहों पर भी पुलिस बल तैनात किया गया था।
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