निवाड़ी जिला बनने पर यहां के लिए भी वर्तमान टीकमगढ़ जिले के कुल स्थापना व्यय के लगभग 70 प्रतिशत का व्यय होने का अनुमान है। जिले की स्थापना व्यय का 70 प्रतिशत लगभग 2 अरब 88 करोड़ रूपए होता है। इस प्रकार निवाड़ी जिला बनने पर सरकार पर यह अतिरिक्त व्यय पड़ेगा।
यह है राजस्व की बसूली: जिले में स्थापना के रूप में जहां साढ़े चार अरब रूपए प्रति वर्ष व्यय किए जाते है वहीं जिले में प्रतिमाह लगभग 1 अरब 50 लाख रूपए के राजस्व की प्राप्ति होती है। अगस्त माह में जिले को 1 अरब 79 लाख रूपए की राजस्व प्राप्ति हुई है। इस प्रकार जिले में साल भर में लगभग 12 अरब 9 करोड़ रूपए के लगभग राजस्व प्राप्त होता है।
दोनो जिलों में बट जाएगा राजस्व: निवाड़ी जिले का सृजन होने के बाद जिले का यह राजस्व बट जाएगा। जबकि दोनों जिलों में राजस्व की बढ़ोत्ती की कोई उम्मीद नही दिखाई दे रही है। राजस्व संग्रहण करने वाले आबकारी, खनिज, पंजीयन एवं वाण्ज्यिकर विभाग की माने तो घोषित निवाड़ी जिले से, वर्तमान टीकमगढ़ जिले के कुल राजस्व का लगभग 40 प्रतिशत प्राप्त होता है। निवाड़ी जिला बनने के बाद यह राजस्व टीकमगढ़ से कम हो जाएगा।
कहते है अधिकारी: टीकमगढ़ जिले में प्रतिमाह लगभग 35 से 40 करोड़ रूपए प्रतिमाह वेतन एवं स्थापना व्यय के रूप में व्यय होता है। इसमें लगभग 30 प्रतिशत का व्यय निवाड़ी के लिए किया जाता है। पूरे जिले से प्रतिमाह लगभग 1 अरब 50 लाख रूपए के लगभग राजस्व की प्राप्ति होती है।- केडी अहिरवार, जिला कोषालय अधिकारी, टीकमगढ़।