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टीकमगढ़

एक जिला एक उत्पाद में किसानों को नहीं मिल रहा लाभ

एक जिला एक उत्पाद में निवाड़ी जिले को अदरक के लिए चुना गया है। उसकी खरीदी के लिए २१ व्यापारियों को खरीदी के लिए लायसेंस दिए गए है। लेकिन अदरक की मंडी सिर्फ एक ही दिन लगाई गई है।

टीकमगढ़Feb 10, 2022 / 08:12 pm

akhilesh lodhi

Ginger market set up on the same day, farmers are not taking interest

Ginger market set up on the same day, farmers are not taking interest

टीकमगढ़.एक जिला एक उत्पाद में निवाड़ी जिले को अदरक के लिए चुना गया है। उसकी खरीदी के लिए २१ व्यापारियों को खरीदी के लिए लायसेंस दिए गए है। लेकिन अदरक की मंडी सिर्फ एक ही दिन लगाई गई है। जिसमें ५ किसानों द्वारा अदरक लाया गया। उसके बाद किसानों की रुचि नहीं बढ़ी है।
केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा एक जिला एक उत्पाद के लिए चुना गया था। जिसमें निवाड़ी जिला को अदरक के लिए चयन किया गया। उसके बाद कृषि विभाग द्वारा जिले में अदरक की खेती से आत्म निर्भर बनने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिए गए। झांसी कृषि कॉलेजों से छात्रों द्वारा अदरक के लिए एक जिला एक उत्पाद में अदरक एवं पावरलूम क्लस्टर विकास विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में इंदौर से आए विषय विशेषज्ञों द्वारा अदरक के उत्पादक पर किसानों और पावरलूम संचालकों से सीधा संवाद कर चर्चा की गई।
मंडी लगाने के दिए थे निर्देश, नहीं आ रहे किसान
पृथ्वीपुर कृषि उपज मंडी में अदरक की कृषि मंडी ४ फरवरी को लगाई गई। जिसमें 8 से १० क्विंटल अदरक किसानों द्वारा लगाया गया। जिसका प्रति क्विंटल १६५० रुपए तय किया गया। उसके बाद भी किसानों को मंडी से अदरक वापस घर लेकर जाना पड़ा। उसके बाद किसान दोवारा मंडी में नहीं आए। अच्छा भाव लेने के लिए किसान झांसी जिला के बरुआसागर की मंडी में ले जाने लगे। जहां पर उन्हें अच्छा भाव मिला।
भाव की जानकारी लेने आ रहे किसान
मंड़ी के उपनिरीक्षक अक्षर गुप्ता का कहना था कि एक दिन अदरक की मंडी लगाई गई। उस मंडी में कुछ ही किसान फसल लेने आए थे। जब से आज तक मंडी में अदरक की फसलें नहीं आई है। क्षेत्र के किसान मंडी में खाली हाथ भाव पूछने जरुर आ रहे है। लेकिन फसल नहीं ला रहे है।
आत्म निर्भर बनने के लिए महिला स्वसहायता समूहों को दी जिम्मेदारी
अदरक की फसलों को खरीदने के लिए २१ व्यापारियों को लायसेंस दिए गए। जिसमें 7 महिला स्वसहायता समूहों को जिम्मेदारी दी गई। पहले दिन लगाई मंडी में आने वाली फसलों की खरीदी जतारा की कम्पनी द्वारा खरीद की गई। मंडी के कर्मचारियों का कहना था कि अभी अदरक की खेती खड़ी हुई है। उसको निकालने के लिए कुछ समय लगेगा। मंडी में किसानों की संख्या अधिक आएगी।
आत्म निर्भर बनने के लिए बनाएगें कई प्रोडेक्ट
निवाड़ी जिले में अदरक के उत्पादक किसानों द्वारा अधिक किया जाता है। इस फसल की उत्पादक संख्या काफ ी बड़ी है और जिले में अदरक की बेहतर खेती की प्रबल संभावनाएं भी हैं। इस उत्पादक से किसानों के जीवन स्तर में सुधार होगा। अदरक उत्पादन, विपणन, प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों को लाभ दिलाया जाएगा। किसानों ने कहा कि अदरक की सोंठ और अदरक पाउडर का उत्पादन शुरु कर दिया है।

उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को नहीं किया जा रहा जागरुक
एक जिला एक उत्पाद को लेकर जिले में डेढ़ साल से चर्चा की जा रही है। उसके लिए चयन भी कर लिया है। उसके बाद भी किसानों को जागरुक नहीं किया जा रहा है। जिसके क ारण किसान पृथ्वीपुर अदरक मंडी को छोड़ उप्र के साथ के साथ अन्य जिलों में अदरक को बेचने के लिए जा रहे है।
फैक्ट फाइल
कुल अदरक खरीदी के लायसेंस-२१
महिला स्वसहायता समूहों के लायसेंस-०7
टीकमगढ़ जिले में अदरक किसानों की संख्या-४५००
निवाड़ी जिले में अदरक किसानों की संख्या-५०००
इनका कहना
अदरक मंडी को पृथ्वीपुर कृषि उपज मंडी में एक दिन लगाया गया था। उसमें किसानों की संख्या पर्याप्त नहीं आई थी। उस दिन के बाद आज तक किसान अदरक लेकर मंडी में नहीं आए है। उद्यानिक विभाग के सहायक संचालक को सूचना दे चुके है। किसानों को जागरुक करें और मड़ी में अदरक लेकर आए।
घनश्याम प्रजापति सचिव कृषि उपज मंडी पृथ्वीपुर।
मंडी में अदरक बेचने के लिए जागरुक किया जा रहा है। जो अदरक अक्टूबर में खेतों से बाहर आ गया है, वह बिक चुका है। अब बीच और सोंठ के साथ पाउडर का अदरक खेतों में खड़ा हुआ है। जल्द ही वह अदरक मंडी में आएगा। विभाग के कर्मचारियों द्वारा जागरुक भी किया जा रहा है।
अजय रोहित सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग टीकमगढ़।
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