प्रतापपुरा में फलफूल रहे ये उद्योग धंधे प्रदेश सरकार से उद्योगों के नाम पर सस्ती जमीन के साथ ही बिजली, पानी सहित तमाम सुविधाएं ले रहे हैं। मगर टैक्स के नाम पर राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है
टीकमगढ़. औद्योगिक क्षेत्र प्रतापपुरा में संचालित होने वाले क्रेशर उद्योग में सारी सुविधाएं तो मप्र सरकार दे रही है, लेकिन यहां से सरकार को राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है। औद्योगिक क्षेत्र प्रतापपुरा से किए जा रहे खनिज के खनन का पूरा लाभ उत्तर प्रदेश मिल रहा है और व्यापारी भी माल यूपी में बेचना बता रहे हैं।
उप्र के झांसी जिले की सीमा से लगे जिले के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र प्रतापपुरा में लगभग दो दर्जन क्रेशर उद्योग संचालित है। इसके साथ ही अन्य उद्योग धंधे भी यहां पर जमकर फलफूल रहे हैं। प्रतापपुरा में फलफूल रहे ये उद्योग धंधे प्रदेश सरकार से उद्योगों के नाम पर सस्ती जमीन के साथ ही बिजली, पानी सहित तमाम सुविधाएं ले रहे हैं। मगर टैक्स के नाम पर राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है। इस मामले में सेल्स टैक्स विभाग की भूमिका भी संदेहास्पद है।
प्रतापपुरा में लगभग 95 प्रतिशत उद्योग यूपी के व्यापारियों द्वारा संचालित किए जा रहे है। औद्योगिक क्षेत्र में जमीन के सीमांकन का भी विवाद है। सीमांकन के बाद यहां पर अतिक्रमण की गई जमीन को निकाल कर उसको भी व्यापारियों को दिया जाएगा। इसमें यह ध्यान रखा जाएगा कि जिले के लोगों को लाभ मिल सके।
राज शेखर पाण्डे. महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र
इनके द्वारा बनाया जा रहा पूरा माल यूपी भेजा जा रहा है। यह व्यापारी वहां का फार्म एफ पेश कर रहे है। इस कारण यह यहां पर टैक्स नही दे रहे हैं। यूपी में माल की ज्यादा डिमांड है, इस कारण यह लोग जिले में माल का विक्रय नही करते है।
संतोष खरे, प्रभारी सेल्स टैक्स अधिकारी।