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जहां स्वीकृत खदानें वहां नहीं रेत, प्रतिदिन 43 लाख की अवैध रेत शहर में बैच रहे मफिया

locationटीकमगढ़Published: Oct 11, 2018 11:25:34 am

Submitted by:

anil rawat

जिले में खनिज विभाग द्वारा 84 से अधिक रेत खदानों को स्वीकृति दी जाती रही। लेकिन 80 फीसदी से अधिक खदानों में आज भी रेत नाम की कोई चीज नहीं है।

Government is looking for revenue of Rs 7 lakh per day, even after this department silence

Government is looking for revenue of Rs 7 lakh per day, even after this department silence

टीकमगढ़.जिले में खनिज विभाग द्वारा 84 से अधिक रेत खदानों को स्वीकृति दी जाती रही। लेकिन 80 फीसदी से अधिक खदानों में आज भी रेत नाम की कोई चीज नहीं है। इसके बाद भी प्रतिदिन लाखों रुपए की रेत निकालकर बाजार सहित उप्र बेची जा रही है। लेकिन विभाग के कर्मचारियों का दावा है कि प्रतिदिन चिन्हित स्थानों का निरीक्षण किया जा रहा है। वहीं कारी वनभूमि और कमलपुर सहित लार वनभूमि से मिट्टी से रेत को बनाया जा रहा है। लोगों द्वारा कार्रवाई के लिए वन विभाग और खनिज विभाग को सूचित किया गया। इसके बाद भी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन और बल कम होने की बात की जाती है।

पर्यावरण को देखते हुए बारिश के पहले केंद्र सरकार ने रेत की खदानों पर रोक लगा दी थी। बारिश समाप्त होते ही 1 अक्टूबर से 26 नदी की रेत खदानें और 9 ग्राम पंचायतों की रेत खदानों को चालू किया गया है। लेकिन खास बात तो यह कि रेत की खदानों को कागजी तौर पर ही बंद किया गया था। लेकिन यह खदानें कभी भी बुद नहीं हुई। जिसकी जानकारी विभाग के अधिकारियों को भी रही और छापामार कार्रवाई की गई। बिना पिटपास के ही प्रतिदिन 150 से अधिक ट्रंाली और 210 से अधिक डम्फरों द्वारा नदी नालों से रेत भरकर बाजार सहित उप्र में भेजा जा रहा है। अगर इन अवैध वाहनों की जांच की जाए तो सड़क पर लगे सरकारी कैमरों से मदद लेना आसान हो जाएगा। प्रशासन से खेली जा रही आंख मिचौली से प्रतिदिन रेत माफिया ट्रांली और डम्फर से 43 लाख 95 हजार की रेत बेचते है। जिसमें 7 लाख 87 हजार 500 रुपए राजस्व को प्रतिदिन का नुकसान होता है।

जतारा-मऊरोड़ पर चलते टोकन और नाम के वाहन
खनिज विभाग द्वारा लार, रामगढ और पिपरट रेत खदानों को संचालित नहीं किया है। इसके बाद भी वहां से प्रतिदिन 30 ओवरलोड़ ट्रांली और 10 से अधिक 407 वाहन से बड़ी गाडियां रेत भरकर आते है। उन वाहनों के जतारा, मजना पुलिस चौकी से लेकर देहात, सहित सिटी पुलिस में टोकन और नाम वाले वाहन चलते है। यह वाहन दिन भर मऊरानीपुर रोड़ पर फर्राटा मारते रहते है। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की जाती है।

बगैर पिटपास के आ रही शहर में रेत
रेत खदानें चालू होने के बाद भी शहर में सैकड़ों ओवरलोड़ ट्रांली रेत शहर में आ रही है। जिनके पास न तो वाहनों के जरूर दस्तावेज मिलेगें और न ही पिटपास। प्रत्येक रेत कारोबारी 10 से 15 ट्रेक्टर ट्रांली को लेकेर अवैध रेत शहर में ला रहे है।

26 नदी रेत खदानें और 9 ग्राम पंचायत रेत खदानों को मिली स्वीकृति
खनिज अधिकारी अमित मिश्रा का कहना है कि जिले में 84 रेत खदानें है। जिनमें रेत कम थी, उन्हें पीछे छोड़ दिया है। 1 अक्टूबर से 26 नदी रेत खदानें और 9 ग्राम पंचायत रेत खदानों को मिली स्वीकृति दी गई है। 2 रेत खदानों की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इसके साथ ही विभाग द्वारा लगातार अवैध रेत और गिट्टी वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है।

रेत का शासन को नहीं मिल रहा राजस्व
अवैध रेत खदानों से प्रतिदिन 150 रेत की ओवर ट्रांली और 210 से अधिक रेत के ओवर डम्फर शहर में आते है। प्रति ट्रांली बाजार में 5500 और प्रति डम्फर 17 हजार रुपए में बेचा जा रहा है। जिसमें प्रति रेत ट्रांली का राजस्व 875 और एक डम्फर का राजस्व 3125 रुपए है। जहां ओवर लोड़ ट्रांली और डम्फर की रेत एक दिन में 43 लाख 95 हजार रुपए में बेची जाती है। वहीं दोनों वाहनों का राजस्व 7 लाख 87 हजार 500 रुपए सरकार के पास जाना चाहिए। जो आज तक नहीं दिया गया है। जिले में जितनी बार भी खनिज और पुलिस ने रेत के वाहनों पर कार्रवाई की है। उनके पास न तो पिटपास मिला और न ही वाहन के पूर्ण दस्तावेज।

जिन रेत खदानों में नहीं है कागजों में उनसे निकली रेत
विभाग के अनुसार जिले में 84 रेत खदानों से रेत निकाली जाती है। लेकिन इन रेत खदान प्रेमपुरा, बडमाडई, रामगढ़,पराई नदी, थरघाट,पिपरट घाट, हदयनगर, बम्होरी नकीवन, महेबा चक्र, खेरा मोहनगढ़ में रेत नहीं है। वहीं विजयपुर ,खेरा, टांनगा, वीरपुरा, उपरार, सफरार सहित अन्य स्थानों से रेत निकाली जा रही है।
यह है अवैध रेत खदानें
जिले में सरकारी कई गुना रेत खदानें है। जहां से बगैर अनुमति से रेत को निकाला जा रहा है। जिसमें चंंद्रपुरा, नादिया, विजरावन, लार, रामगढ़, पिपरट, चिनगुंवा, हीरापुर, कुडीला, वनपुरा, दांतगौरा, बुडेरा, बूदौर, घूरा, एरोरा सहित दर्जनों स्थानों से रेत बगैर पिटपास से निकाली जा रहा है।
वन विभाग की भूमि से मिट्टी निकालकर बना रहे रेत
मुख्यालय के नजदीक कारी वनरेंज सेक्टर, कमलपुर, लार वनरेंज, गोरा, मातौल, घूरा, मस्तापुर, मालपीथ वनरेंज की भूमि निकालकर रेत को बनाया जा रहा है। मामले की सूचना ग्रामीणों द्वारा कई बार वन रक्षक को दी गई। लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
फैक्ट फायल
जिले में कुल रेत खदानें – 84
स्वीकृत रेत खदानें – 26
ग्राम पंचायत की स्वीकृत रेत खदान – 9
रेत की खदान को स्वीकृत कराने भेजे प्रस्ताव -02
इनका कहना
1 अक्टूबर से रेत खदानों को स्वीकृत किया गया है। खनिज टीम द्वारा अवैध रेत के डम्पों और अवैध रेत के वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही गिट्टी और मुरम पर कार्रवाई की जा रही है। अगर उप्र रेत को भेजा रहा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
अमित मिश्रा खनिज अधिकारी टीकमगढ़।
जिस वन रेंज भूमि से मिट्टी को निकालकर रेत बनाई जा रही है। उसकी जांच की वन रक्षक सहित जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
मुकेश केन वन अधिकारी रेंज टीकमगढ़।
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