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लापरवाही: 22 ठेकेदारों के जीएसटी नंबर थे कैंसिल, विभागों ने कर दिया 2 करोड़ का भुगतान

locationटीकमगढ़Published: May 31, 2022 10:39:38 am

Submitted by:

anil rawat

125 ठेकेदारों ने टीडीएस कटने के बाद भी फाइल नहीं किया रिर्टन, वाणिज्यकर विभाग ने शुरू की जांच

GST numbers of 22 contractors were canceled, departments paid 2 crores

GST numbers of 22 contractors were canceled, departments paid 2 crores

टीकमगढ़. ठेकेदारों को भुगतान करने में विभागों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। विभिन्न विभागों द्वारा जिले में ऐसे दो दर्जन ठेकेदारों का लाखों रुपए की राशि भुगतान की गई है, जिनके जीएसटी नंबर ही कैंसिल हो चुके है। साथ ही ठेकेदारों को टीडीएस काटकर किए गए भुगतान के बाद उनके द्वारा रिर्टन फाइल नहीं किया गया है। मामला सामने आने के बाद अब वाणिज्यकर विभाग ने इसकी जांच शुरू कर दी है। वाणिज्यकर विभाग के इंदौर मुख्यालय ने ऐसे 125 ठेकेदारों की लिस्ट जांच के लिए भेजी है।

 

विभागों की लापरवाही का खामियाजा सरकार को करोड़ो रुपए की टैक्स चोरी के रूप में उठाना पड़ रहा है। विभिन्न विभागों द्वारा ठेकेदारों के जीएसटी नंबर की जांच न कर उन्हें लाखों रुपए के भुगतान किए जा रहे है। इस भुगतान के बाद ठेकेदारों द्वारा न तो रिर्टन फाइल किया जा रहा है और न ही विभाग द्वारा इस पर ध्यान दिया जा रहा है। विभागों के माध्यम से होने वाले करोड़ो रुपयों के भुगतान पर जब वाणिज्यकर विभाग की नजर पड़ी तो उन्होंने ऐसे तमाम ठेकेदारों की पूरी कुंडली तैयार कर जिला मुख्यालय पर जांच के लिए भेजी है। जिले से अब इन सभी ठेकेदारों की स्क्रूटनी की जा रही है। विभाग ने जांच के बाद संबंधित ठेकेदारों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिए है।

 

कैंसिल नंबरों पर भी भुगतान
वाणिज्यकर अधिकारी एसपी सिंह गहरवार ने बताया कि मुख्यालय ने भेजी गई सूची में ऐसे 22 ठेकेदार सामने आए है, जिनके जीएसटी नंबर कैंसिल है और विभागों द्वारा इन्हें लाखों रुपए के भुगतान किए गए है। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग, आरइएस, पीएचई विभाग में पंजीकृत ठेकेदारों को यह भुगतान किए गए है। उन्होंने बताया कि इन ठेकेदारों को पिछले एक वर्ष में 1.70 से 2 करोड़ रुपए तक की राशि भुगतान की गई है।

 

 

इन्होंने दायर नही किया रिर्टन
गहरवार ने बताया कि इसके साथ ही 102 ठेकेदार ऐसे है, जिनका विभाग ने टीडीएस काटा है, लेकिन इन ठेकेदारों द्वारा रिर्टन फाइल नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि इन ठेकेदारों को लगभग 10 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा इनका टीडीएस काटा जाता है। इसके बाद संबंधित ठेकेदार द्वारा अपना रिर्टन फाइल करना होता है। इस पर विभाग उसकी जांचकर कर निर्धारण करता है, लेकिन रिर्टन फाइल न होने से पूरी प्रक्रिया बाधित है और शासन को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है।

कहते है अधिकारी
मुख्यालय से भेजी गई सूची में 22 ऐसे ठेकेदार सामने आए है, जिनके जीएसटी नंबर कैंसिल हो चुके है। इनको अब तक विभागों द्वारा भुगतान किया जा रहा है। इसके लिए सभी विभागों को पूर्व में भी पत्र जारी कर जीएसटी नंबर की जांच करने को कहा गया था। जांच के बाद सभी को नोटिस जारी किए जा रहे है।- एसपी सिंह गहरवार, वाणिज्यकर अधिकारी, टीकमगढ़।
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