बच्चों की उपस्थिति कम
इस स्कूल में 38 बच्चों के नाम दर्ज हैं जिनमें से मात्र 10-15 बच्चे ही स्कूल पहुंचते हैं।इतना ही नहीं स्कूल भी मात्र एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है जबकि दूसरा शिक्षक कभी-कभार ही स्कूल जाता है । छात्र छात्राओं ने बताया कि यहां की शैक्षणिक व्यवस्था चौपट है। विद्यालय के शौचालय बंद हैं। ऐसे में कई बार बच्चों को शौच के लिए घर जाना पड़ता है।ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से स्कूल की व्यवस्था सुधारने की मांग की है।
मुझे इस मामले की अभी जानकारी मिली है। अगर वहां पर बच्चों को मीनू के अनुसार भोजन नहीं दिया जा रहा है और बर्तन धुलवाए जा रहे हैं तो इस मामले की जांच कर लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
भानू श्रीवास्तव, बीआरसीसी, जनपद पंचायत पलेरा