लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है, लेकिन प्रशासन का यह प्रयास मतदाता सूची के काम में लगे मैदानी अमले की लापरवाहियों के कारण पूरा होता नही दिखाई दे रहा है। इन लापरवाहियों के चलते अब भी मतदाता सूची में कई ऐसे लोगों के नाम शामिल है, जिनके या तो यहां से स्थानांतरण हो चुके है, या वह जिले से बाहर जा चुके है। मतदाता सूची में ऐसे एक-दो नही अनेक शामिल है। ऐसे में प्रश्र यह उठता है कि जब यह लोग अब जिले में रह ही नही है रहे है और यहां के मतदाता भी नही है, तो इनका यहां मतदान होगा कैसा और प्रशासन का शत-प्रतिशत मतदान का लक्ष्य पूरा कैसे होगा।
एक दर्जन प्रशासनिक अधिकारियों के नाम शामिल: लोकसभा चुनाव के लिए तैयार की गई मतदाता सूची में टीकमगढ़ विधानसभा की भाग संख्या 76 के पेज 32 पर पूर्व एसपी एवं जिला पंचायत सीइओ के साथ ही पुराने एसडीएम का नाम अब भी मतदाता सूची में शामिल है। भाग संख्या 67 में 888 नंबर पर जिला पंचायत के पूर्व सीइओ मूलचंद्र वर्मा, पूर्व एसडीएम राजकुमार खत्री, पूर्व डिप्टी कलेक्टर कमल सोलंकी, पूर्व डिप्टी कलेक्टर आरके बोहित, पूर्व एसपी सुशांत कुमार का नाम अब भी शामिल है। वहीं भाग संख्या 77 के क्रमांक 204 पर तहसीलदार रोहित वर्मा, उनकी पत्नी प्राची श्रीवास्तव, 208 पर डिप्टी कलेक्टर प्रेम सिंह चौहान, 2015 में डिप्टी कलेक्टर प्रताप सिंह चौहान, 2016 एवं 2018 पर उनके परिजनों एवं 239 पर पूर्व एसपी कुमार प्रतीक का नाम अब भी शामिल है। जबकि वर्तमान में अनुराग सुजानियां एसपी है।
गंभीर लापरवाही: यह मामला गंभीर लापरवाही का समझ में आ रहा है। लोगों का कहना है कि एसपी, डिप्टी कलेक्टर एवं एसडीएम तो ऐसे अधिकारी जिन्हें हर कोई जानता है और उनके स्थानांतरण होने की जानकारी भी सामान्यता सभी को होती है। फिर बीएलओ का इन नामों पर ध्यान क्यों नही गया। विदित हो कि जिला पंचायत के पूर्व सीइओ मूलचंद्र वर्मा एवं पूर्व एसडीएम राजकुमार खत्री को तो जिले से स्थानांतरित हुए 5 वर्ष से भी अधिक का समय हो चुका है। लोगों का कहना है कि जब इन अधिकारियों के नामों को लेकर मैदान अमला इतना उदासीन है, तो अन्य नामों को लेकर वह क्या ध्यान देंगे।
कैसे बड़े मतदान प्रतिशत: विदित हो कि प्रशासन द्वारा इस बार पूरा ध्यान मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर है। लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि इस प्रकार से मतदाता सूची में ऐसे लोगों के नाम शामिल है, जिन्हें यहां वोट ही नही करना है तो प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी यह शत प्रतिशत मतदान संभव नही है। जब तक मतदाता सूची से यह नाम नही हटाएं जाते है, तब तक प्रशासन का प्रयास सार्थक परिणाम सामने नही ला पाएंगा।
कहते है अधिकारी: अब मतदाता सूची में किसी प्रकार का बदलाव नही किया जा सकता है। चुनाव के बाद ऐसे नामों की सूची बनाकर उनका सत्यापन कराकर पीठासीन अधिकारी को भेजकर इन्हें हटवाया जाएगा।- सौरभ कुमार सुमन, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, टीकमगढ़।