मौखिक आदेश पर टीकमगढ़ लाया गया ऑफिस और कर्मचारी
सर्वेक्षण एवं अनुसंधान उपसंभाग का कार्यालय के एसडीओ राधवेंद्र सिंह का कहना था कि बगैर सूचना और आदेश के कार्यालय को टीकमगढ़ लाया गया है। हमारे कार्यालय में दो ही लोग है। एक सर्वे का कार्य करते है और मैं कोर्ट केसों को सुलझाने में लगा रहता हूं। जिन किसानों का मुआवजा बचा हुआ है। उन सभी का कार्य टीकमगढ़ से किया जाएगा।
शिकायतें हुई तो रातों-राते लगवा दिया विभाग का बोर्ड
बल्देवगढ़ में यह सर्वेक्षण एवं अनुसंधान उपसंभाग का कार्यालय निजी मकान से संचालित किया जा रहा था। दो माह पहले इस कार्यालय को अधिकारियों की मनमानी के चलते खाली किया गया था। मुआवजें के लिए बड़ा मलहरा क्षेत्र सहित खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के किसान कार्यालय के चक्कर काटने लगे। लेकिन यह कार्यालय बंद ही दिखाई देता था। मामले की शिकायतें उच्चधिकारियों से की गई। जिसको लेकर विभाग के अधिकारियों ने रातों-रात बोर्ड को बल्देवगढ़ के सरकारी भवन पर लगवा दिया।
एसडीओ, इंजीनियर और कार्यालय सहायक ने दी अलग-अलग जानकारी
मामले की जानकारी पत्रिका को मिली तो पत्रिका की टीम जलसंसाधन केंद्र पहुंची। वहां पर कार्यालय सहायक, इंजीनियर बैठे हुए थे। उन्होंने बताया कि हम लोगों की पदस्थापना बल्देवगढ़ सर्वेक्षण एवं अनुसंधान उपसंभाग केंद्र में हुई है। लेकिन अधिकारियों के मौखिक आदेश पर टीकमगढ़ मुख्य कार्यालय के खाली पड़े कार्यालय में बल्देवगढ़ कार्यालय को पूरे सामान के साथ शिफ्ट कर लिया है। वहीं एसडीओ ने बताया कि कर्मचारी कम और मौखिक आदेश पर यह कार्य किया गया है।
इनका कहना
बल्देवगढ़ में ही सर्वेक्षण एवं अनुसंधान उपसंभाग का कार्यालय लगाया जा रहा है। वहां का पुराना सामान टीकमगढ़ में रखवाया गया है। इंजीनियर का सर्वे का कार्य होता है और एसडीओ द्वारा कोर्ट का कार्य किया जाता है। जो भी कर्मचरी है उन्हें करनाल में पदस्थ किया गया है।
अनिल दीक्षित ईई बान सुजारा टीकमगढ़।