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नाबालिग का अपरहण करने वालों को न्यायालय ने दी ऐसी सख्त सजा

locationटीकमगढ़Published: Jan 03, 2019 12:11:39 pm

Submitted by:

anil rawat

न्यायालय ने दोनों आरोपियों को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।

Imprisonment-Penalty

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टीकमगढ़. न्यायालय ने नाबालिग को बहला-फुसला कर अपहरण करने एवं उसके साथ छेड़छाड़ करने के दो मामालों में दोनों आरोपियों को दंडित किया है। न्यायालय ने दोनों आरोपियों को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। दोनों आरोपियों द्वारा नाबालिग का अपहरण कर छेड़छाड़ की गई थी।
मामले की जानकारी देते हुए जिला अभियोजन अधिकारी आरसी चतुर्वेदी ने बताया कि लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व 22 मार्च 2017 को एक नाबालिग कक्षा 10वीं की छात्रा पेपर देने के लिए टीकमगढ़ आई थी। पेपर देकर जब वह घर वापस नही पहुुंची तो परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। लेकिन उसका कहीं पता नही चला। इस बीच परिजनों को पता चला कि गांव का ही रामरतन पाल भी गायब बना हुआ है। इस पर परिजनों ने कोतवाली पुलिस से इसकी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी रामरतन पाल के खिलाफ धारा 353 एवं 366 के तहत मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने 4 दिन बाद 26 मार्च 2017 को पीडि़ता को दस्तयाव कर लिया। वहीं पीडि़ता ने बताया कि पेपर के बाद जब वह घर जाने के लिए ऑटो में बैठी तो उसमें रामरतन पहले से बैठा हुआ था। थोड़ी ही देर में ऑटो वाले ने दूसरी दिशा में ऑटो घुमाया तो उसने इसका विरोध किया। इस पर रामरतन ने उसे धमकी दी और वह उसे अपने साथ ले गए।

करता रहा छेड़छाड़: पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि आरोपी उसे यहां से ललितपुर और फिर रायपुर ले गया। इस दौरान वह उसके साथ छेड़छाड़ करता रहा। पीडि़ता के बयान पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉस्को एक्ट के साथ 354 एवं 506 की धाराओं का इजाफा कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने मामला न्यायालय में पेश किया। यहां पर सुनवाई के बाद तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी रामरतन को धारा 363 एवं 366 में पांच-पांच वर्ष का कारावास एवं एक-एक हजार रूपए का जुर्माना और पॉस्को एक्ट एवं धारा 506 में तीन-तीन वर्ष का कारावास एवं 1-1 हजार का जुर्माना लगाया है।
अपहरण कर ले गया था नाबालिग को: वहीं बल्देवगढ़ थाने में दर्ज नाबालिग के अपहरण एवं छेड़छाड़ के एक अन्य मामले में भी तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी को 5 वर्ष की सजा सुनाई है। जिला अभियोजन अधिकारी आरसी चतुर्वेदी ने बताया कि पीडि़ता के घर में जब कोई नही था, उसी समय गांव का प्रकाश पुत्र झल्ली कुशवाहा 20 वर्ष आया और पीडि़ता को अपने साथ ले गए। परिजनों के घर पर आने पर जब पीडि़ता नही मिली तो उन्होंने उसकी काफी खोज-बीन की और परेशान होकर पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने घटना के 10 दिन बाद पीडि़ता को दस्तयाव कर लिया। वहीं पीडि़ता के बयान पर पुलिस ने आरोपी प्रकाश कुशवाहा को धारा 363 एवं 366 में 5-5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।

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