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किसानों से मारपीट मामले में नपे थाना प्रभारी

locationटीकमगढ़Published: Oct 13, 2017 01:22:27 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

एएसआई सहित करीब चार आरक्षकों को लाइन अटैच कर विभागीय जांच के आदेश

Incharge of police station in charge of farmers case

Incharge of police station in charge of farmers case

टीकमगढ़. तीन अक्टूबर को आंदोलन के तहत किसानों पर लाठीचार्ज, हवालात में अर्धनग्न कर मारपीट के मामले में देहात थाना प्रभारी पर गाज गिरी है। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने थाना प्रभारी आरपी चौधरी को जिले से बाहर स्थानांतरित करने के आदेश दिए। साथ ही एक एएसआई सहित करीब चार आरक्षकों को लाइन अटैच कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
उधर, नगर में चर्चा है कि कार्रवाई खानापूर्ति के लिए की गई। वो इसलिए क्योंकि आज यानी शुक्रवार को ही दिल्ली में मानवाधिकार आयोग में किसानों की पेशी है। इसलिए वहां से अगर कोई जवाब मांगा जाता है तो उन्हें बताने के लिए कार्रवाई की गई। मामले में यह भी आरोप लग रहे हैं कि जिस वजह से पूरा बवाल हुआ, उस हिसाब से बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी। सूत्र बताते हैं कि मामले को दबाने के लिए कार्रवाई में औपचारिकता की गई है।
जारिए कब क्या हुआ
4 अक्टूबर: डीआईजी केसी जैन, एसपी कुमार प्रतीक एवं कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल के साथ देहात थाने पहुंचे। यहीं से जांच की शुरुआत हुई और सुबह 11 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक यहां पर जांच की गई। सूत्र बताते हैं कि यहां पर घटना के समय मौजूद पांच पुलिसकर्मियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए गए।
5 अक्टूबर: जांच के दूसरे दिन गुरुवार को डीआईजी केसी जैन ने सर्किट हाउस में युवक कांग्रेस के लोकसभा क्षेत्र के अध्यक्ष शाश्वत सिंह बुंदेला, कांग्रेस नेता हबीब राईन, अरविंद खटीक, देवेन्द्र नापित, रविराज सिंह और महेन्द्र सिंह के बयान दर्ज किए।
6 अक्टूबर: किसानों के बयान देने न आने पर डीआईजी ने कोतवाली थाना प्रभारी को 9 किसानों की सूची देकर उनके बयान दर्ज कराने को कहा, लेकिन शुक्रवार कोई नहीं पहुंचा। वहीं कांग्रेस ने डीआईजी की सूची को गलत करार देते हुए आरोप लगाया कि जिन्हें बयान देने बुलाया गया है, वे आंदोलन में शामिल किसान नहीं बल्कि कांग्रेस के कार्यकर्ता थे।
7 अक्टूबर: कांग्रेस ने डीआईजी के सामने पीडि़त 40 किसानों को पेश किया। शनिवार को ही कांग्रेस के पूर्व मंत्री यादवेन्द्र सिंह बुंदेला ने बयान दर्ज कराए। यहां पर डीआईजी ने भी सभी किसानों के बयान दर्ज कराने एवं जांच के बाद रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने की बात कही। यहां पर यादवेन्द्र सिंह ने मामले की जांच को दिग्भ्रमित कर, लीपापोती करने का आरोप लगाया।
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