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दो वर्षों में बड़ गए 28 गिद्ध, कुछ नए गिद्धों के भी मिले संकेत

locationटीकमगढ़Published: Jan 12, 2019 06:53:17 pm

Submitted by:

anil rawat

गिद्धों का सबसे ज्यादा बसेरा ओरछा में, मई में दोबारा होगी गिद्ध गणना

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टीकमगढ़. विलुप्त होने की कगार पर चल रहे गिद्धों के लिए जिले में अच्छी खबर सामने आई है। जिले में श्रीरामराजा सरकार की नगरी ओरछा गिद्धों को खासी रास आ रही है। पिछले दो सालों में यह गिद्धों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही कुछ नई प्रजातियों के गिद्धों के यहां पर रहने के संकेत मिले है। विदित हो कि दो वर्ष पूर्व 2016 में जहां जिले में कुल 61 गिद्ध पाए गए थे, वहीं इस बार इनकी संख्या 89 पर पहुंच गई है।
ओरछा के प्राचीन स्मारक और अभ्यारण क्षेत्र केवल सैलानियों को नही बल्कि विलुप्त होने की कगार पर चल रहे गिद्धों को भी रास आ रही है। यहां की आवोहवा गिद्धों के रहने के लिए अनुकूल बनी हुई है। शनिवार को पूरे प्रदेश के साथ जिले में हुई गिद्ध गणना के आंकड़ों में बाद यह साफ हो गया है। जिले में सबसे ज्यादा 85 गिद्ध ओरछा में मिले है। इनमें 82 वयस्क एवं 3 बच्चें शामिल है। इसके साथ ही 7 गिद्ध जिले की अन्य रेंजों में मिले है। विदित हो कि पिछले वर्ष जिले में कुछ 61 गिद्ध मिले थे। इसमें भी सर्वाधिक ओरछा में ही पाए गए थे।
यह मिली प्रजातियां: शनिवार को हुई गिद्ध गणना में जिले में सर्वाधिक इंडियन लॉंग विल्ड वल्चर मिले है। इनकी संख्या 85 बताई गई है। इसके साथ ही 4 इजीपसियम वल्चर भी मिले है। ओरछा में गिद्ध संरक्षण के लिए लंबे समय से काम कर रहे दिलशेर खान ने बताया कि इन गिद्धों की संख्या बढऩा जहां जिले के लिए खुशखबरी है, वहीं इस बार की गणना में कुछ स्थानों पर विदेशी गिद्ध सिनेरियस, यूरेसियन एवं हिमालय के आने के भी संकेत मिले है। यह भी जिले के लिए बड़ी बात है।

यह है मुख्य बसेरा: जिले में गिद्धों को सबसे अनुकूल वातावरण ओरछा में मिला है। यहां पर सभी प्राचीन स्मारकों में गिद्धों के बसेरे पाए गए है। यहां प चतुर्भुज मंदिर, बेतवा नदी के तट पर बनी प्राचीन छतरियां, लक्ष्मी मंदिर, जहांगीर महल एवं वन परिक्षेत्र में गिद्धों के बसेरे पाए गए है। ओरछा में 23 स्थानों पर गिद्धों के घोंसले मिले है तो 10 भंवरे भी मिले है।
गिद्धों की संख्या में इजाफा खुशी की बात: गिद्धों की गणना के बाद इनकी संख्या में हुई बड़ोत्तरी के बाद डीएफओ चंदशेखर सिंह का कहना है कि जिले के लिए अच्छी बात है कि इनकी संख्या में बड़ोत्तरी हो रही है। उनका कहना है कि गिद्ध वर्तमान में विलुप्त हो रहे प्राणियों की श्रेणी में है। ऐसे में इनकी जिले में संख्या बढऩा हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। उनका कहना है कि अभी मई में दूसरे चरण की गणना होगी। इसमें इनकी संख्या में और इजाफा होगा।
एक मृत गिद्ध भी मिला: गिद्धों की गणना के दौरान ओरछा में एक मृत गिद्ध भी मिला है। इस गिद्ध को वन अमले ने जब्त कर लिया है। दिलशेर खान ने बताया कि इसे पीएम के लिए पूना भेजा जाएगा। उनका कहना है कि ओरछा से लगे उत्तर प्रदेश के बार्डर पर मवेशियों को डिक्लोफेनिक दिया जाता है। संभावना है कि ऐसे ही मवेशी को खाने के बाद इसकी मौत हुई होगी।
250 कर्मचारी थे तैनात: शनिवार को पूरे प्रदेश में एक साथ गिद्धों की गणना की गई। इस गणना के लिए वन विभाग द्वारा जिले के पांच रेज एरिया में गणना कार्य किया गया था। इस गणना में 250 कर्मचारियों को तैनात किया गया था। विदित हो कि पूरे प्रदेश में एक साथ, एक समय पर यह गणना की गई थी। गिद्धों का संरक्षण करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लंबे समय से प्रयास किए जा रहे है।

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