अहिंसा और जीवों पर दया को ही जैन धर्म का आधार
महावीर का संदेश जियो और जीने दो, यही सारे धर्मों की सार्थकता होनी चाहिए। ऐसे में जैन मुनि एवं साध्वी इस चातुर्मास में एक जगह रुककर लोगों को सत्य, अहिंसा और ब्रम्हचर्य आदि विषयों पर सद्ज्ञान देते हैं। बाहर से आने वाले अतिथियों के लिए आवास एवं भोजन की व्यवस्था कमेटी द्वारा रखी गई । इंदौर शहर से माताजी के सैकड़ों भक्त बंधाजी आए हुए है।