शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए जिला रोजगार कार्यालय की ओर से मेले लगाए जाते हैं। परन्तु इन मेलो में नाममात्र के जॉब ऑफर मिलते हैं। इनमें भी संबंधित कंपनियां कई तरह की शर्तें रख देती हैं। कई बच्चे अनुभव नहीं होने के कारण नौकरी से वंचित रह जाते हैं।
क्षेत्र में स्थानीय रोजगार के संसाधनों का विकास जैसे होना चाहिए वैसा नहीं हुआ है। औद्योगिक क्षेत्र मैं विकास नहीं होने के कारण बड़े-बड़े शहरों की कंपनियां यहां कम रुझाान लेती हैं। विदित हो कि कई दशकों बाद भी औद्योगिक क्षेत्र में विकास नहीं होने से कंपनियां रुचि कम ले रही हैं। युवा बेरोजगार भी रोजगार की तलाश में भटक रहेे हैं।
विभागीय जानकारी के मुताबिक वर्ष 2000 में आईटीईवी, इलेक्ट्रिशियन ट्रेड कॉलेज से छीनी जा चुकी थी जो सागर एवं भोपाल ट्रांसफर होना बताया गया। परंतु 2009 में पुन: ट्रेडों की सौगात मिली। इसमें बिल्डर, फिटर, इलेक्ट्रीशियन, डीजल मैकेनिक एवं कोपा जैसी विषयों को मान्यता मिली है। वर्तमान में इन ट्रेंडों से 185 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत बने हुए हैं।
प्रत्येक आईटीआई कॉलेज में प्लेसमेंट कैंप का प्रावधान जरूर है, लेकिन जिला स्तर पर यह आयोजित किया जाता है। समय-समय पर होने वाली इस कैंप में छात्र-छात्राओं को शामिल किया जाता है।
सोहित कुमार, आईटीआई कॉलेज प्राचार्य