टीकमगढ़

स्कूलों की लैब हुई खस्ताहाल, कहीं पड़े हैं पुराने उपकरण तो कहीं भवन ही नहीं

हायर सेकेंडरी एवं हाई स्कूलों में वार्षिक परीक्षाओं के पहले मुख्य प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित की जानी है।

टीकमगढ़Jan 19, 2019 / 08:50 pm

vivek gupta

Labs Disabled in Schools


टीकमगढ.चंदेरा.बालाराम चौरसिया .हायर सेकेंडरी एवं हाई स्कूलों की परीक्षाओं के लिए समय निर्धारण होने के बाद भी जिले की अधिकांश शालाओं में बच्चे आज भी संबन्धित विषय मे प्रयोग संबंधी अभिरुचि से कोसों दूर हैं। हायर सेकेंडरी एवं हाई स्कूलों में वार्षिक परीक्षाओं के पहले मुख्य प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित की जानी है। संकुल केंद्र चंदेरा अंतर्गत चार हायर सेकेंडरी एवं नौ हाई स्कूलों में लैब दुरुस्त नहीं है।या यूं कहें कि इन स्कूलों में लैब खस्ताहाल में है।उपकरण पुराने हो चुके हैं। कई स्कूलों में उपकरण शोपीस की तरह अलमारी में बंद हैं।कई शालाओं के पास तो खुद के भवन ही नहीं है। अब परीक्षाएं नजदीक आने के बाद स्कूलों में लैब को दुरुस्त करने की कवायद की जा रही है।
प्रयोगशालाओं में राशि देना भूल गया विभाग

स्कूल शिक्षा विभाग इस वर्ष प्रयोगशाला के लिए राशि ही जारी नहीं कर सका। एसएमडीसी के खाते से स्कूलों को सालाना राशि जारी की जाती है। इस राशि को शाला प्रभारी स्कूलों की आवश्यकतों पर व्यय कर सकता है, लेकिन इस बार जनवरी माह तक बजट ही जारी नहीं हो सका।

 

सिंगल लैब, शिक्षकों की कमी
स्कूलों में हालात कुछ ऐसे हैं कि स्कूलों में सिंगल लैब से काम चलाया जा रहा है। जबकि विषय अनुसार भौतिकी, रसायन एवं जीव विज्ञान की तीन लैब होना जरूरी है। स्कूलों में विषय शिक्षकों की कमी के कारण न तो पाठ्यक्रम पूरे हो रहे हैं और न ही प्रयोग ही करवाए जा रहे हैं।वहीं कई बार प्रयोग करवाने के लिए अतिथि शिक्षकों द्वारा औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
12 फरवरी से है परीक्षा

यहां माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा अपनी परीक्षाओं की तिथि घोषित कर दी गई है। आगामी 12 फरवरी से 26 फरवरी के बीच स्कूलों में नियमित एवं स्वाध्यायी परीक्षार्थियों की परीक्षा कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। शाला प्रबंधन अब लैब को दुरुस्त कराने की जोड़ तोड़ में लगे हैं।

कैस नंबर 1
शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल चंदेरा में छात्रों की संख्या लगभग 6 00 है। शिक्षकों की कमी के कारण प्रयोग संबंधी गतिविधियां नहीं हो पा रही है। प्रयोगशाला सामग्री का अभाव है। वहीं प्रैक्टिकल कराने का भार अतिथि शिक्षकों पर है।
केस नंबर 2
शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल उपरारा का हाईस्कूल से उनयन्न वर्ष 2013 मे हो गया था। इस स्कूल में छात्रों की संख्या 300 के करीब है। शिक्षकों की कमी है और प्रयोग संबंधी सामग्री का अभाव है।
केस नंबर 3
शासकीय हायर सेकें डरी स्कूल स्यावनी में छात्रों की संख्या 444 है। हाई स्कूल से उन्नयन तो लगभग 6 वर्ष पूर्व हो चुका किन्तु शाला भवन नहीं होने के कारण प्रयोग संबंधी गतिविधिया संचालित नहीं हो पा रही हैं।

केस नंबर 4
हायर सेकेंडरी स्कूल खरों मे 6 30 छात्र हैं। यहां यहां पर प्रयोगशाला सामग्री होना बताया गया है किन्तु शिक्षक के अभाव के कारण प्रयोग नहीं हो पा रहे हैं।
कहते है
स्कूल भवनो में प्रयोगशाला के लिए पर्याप्त स्थान है। विज्ञान शिक्षक छात्रो को प्रायोगिक ज्ञान देने के लिए है,यदि प्रयोग नही कराए गए है तो निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी।
जे एस बरकडे जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ

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