टीकमगढ़

जिले में शुरू हुआ जल संकट का दौर, झूठे साबित हो रहे पीएचई विभाग के दावें

ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट का दौर शुरू हो गया है। सैकड़ों ग्राम पंचायतों के हैंडपंपों में पाइप लाइन नहीं तो कई के बेश गायब है।

टीकमगढ़Mar 24, 2019 / 05:48 pm

akhilesh lodhi

Landpump at the grassroots is unhealthy, the department’s opening poles

टीकमगढ़.ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट का दौर शुरू हो गया है। सैकड़ों ग्राम पंचायतों के हैंडपंपों में पाइप लाइन नहीं तो कई के बेश गायब है। इसके साथ ही गांव में बिछाई जाने वाली पाइप लाइन के पाइप सरपंच सचिव के निजी कार्यो में उपयोग हो रहे है तो डिकोली ग्राम पंचायत में पानी की टंकी को तोड़कर मकान निर्माण कर लिया है। जिसके कारण ग्रामीणों को पेयजल संकट से गुजरना पड़ रहा है।
जिले में मोहनगढ़ क्षेत्र हो या फिर जतारा, खरगापुर का पलेरा क्षेत्र हो या फिर बल्देवगढ़ का ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश हैंडपंप बंद पड़े हुए है। ग्रामीणों ने पेयजल के लिए मशक्कत करना शुरू कर दिया है। कई गांवों में हैंडपंप खराब होने के कारण पानी की तालाश में ग्रामीण भटकने लगे है। लेकिन पीएचई विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त पानी बताकर अधिकारियों को अच्छी रिपोर्ट में उलझाए हुए है। वहीं टीकमगढ़ जनपद की ग्राम पंचायत सुजारा में सरपंच पानी की टंकी के पाइप लाइन अपने निजी कार्यो में उपयोग कर रहे है तो वहीं डिकोली ग्राम पंचायत में दबंगों द्वारा पानी की टंकी को उखाडकर मकान निर्माण कर लिया है। इसके साथ ही बौरी ग्राम पंचायत के हनुमानसागर गांव में सार्वजनिक कुंओं से सिंचाई और रेत को बनाया जा रहा है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रवासियों को पेयजल संकट से गुजरना पड़ रहा है।
केस-01
टीकमगढ़ की जनपद पंचायत ग्राम पंचायत बौरी के हनुमानसागर निवासी मोहन लोधी, पुरूषोत्तम लोधी, संतोष पाल ने बताया कि सरपंच ,जनपद पंचायत अध्यक्ष के साथ अधिकारी पानी की पूर्ति भाषणबाजी और कागजों में कर रहे है। गांव में एक भी हैंडपंप सावित नहीं है। जो हैंडपंप करीब एक घंटे तक पानी दे सके।
केस-02
जतारा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत दरगांय खुर्द निवासी मखन खंगार, रामलाल रजक, रघुनाथ केवट, कमल लोधी, रामबगस लोधी ने बताया कि २ हजार की आबादी वाले गांव में ८ हैंडपंप है। जिसमें २ हैंडपंप कई महीनों से खराब पड़े हुए है। गर्मी ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया है। इस क्षेत्र में सूखा हो या बारसात हमेशा पेयजल की कमी रहती है। हैंडपंपों में पाइप लाइन कम होने के कारण उन्होंने पानी देना बंद कर दिया है। पीएचई विभाग के ठेकेदार और टेक्निकल कर्मचारियों को कई बार हैंडपंप सुधार के लिए ग्रामीण सूचना दे चुके है। लेकिन उन कर्मचारियों द्वारा कागजों में इन हैंडपंपों का सुधार पूरा किया गया है। जब जमीनी स्तर पर देखा जाए तो वहां की स्थिति उलट देखी जा सकती है।

केस-03
बल्देवगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत देवीनगर निवासी भानसिंह यादव, भजन पाल, संतोष पाल, भज्जू पाल ,किशन पाल, घंसू पाल ने बताया कि 1 किमी दूर से पेयजल की पूर्ति करनी पड़ रही है। ग्राम पंचायत द्वारा पाल मोहल्ला में सार्वजनिक कुआं का निर्माण किया गया था। लेकिन देखरेख न होने के कारण वह कुंआ खंडहर में तब्दील हो गया है। वहीं सुजानपुर निवासी राजेश यादव, हरि सिंह यादव, रविंद्र यादव, राजेंद यादव ने बताया कि सरपंच, सचिव द्वारा पानी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है। पानी की टंकी निर्माण कराई गई थी। लेकिन उपयोग न होने के कारण टूट गई है।
इनका कहना
२६ मार्च से जिले में हैंडपंप सुधार का अभियान शुरू किया जाएगा। तीन महीनों की गर्मियों तक जिले की जनता को पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके साथ ही जहां-जहां हैंडपंप और पानी की टंकि या बंद पड़ी हुई है। उनका जल्द ही सुधार कार्य कराकर अस्तृत्व में लाया जाएगा।
जितेंद्र मिश्रा ईई पीएचई विभाग टीकमगढ़।
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