शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रबंधन के कारण अधर में लटके छात्रों के भविष्य के कारण छात्र परेशान बने हुए है। अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर चुके छात्रों को प्रबंधन से कोई सकारात्मक आश्वासन मिलता नही दिखाई दे रहा है। इसे देकर अब छात्र भी आरपार की लड़ाई का मन बना चुके है। छात्रों का कहना है कि यदि जल्द ह प्रबंधन ने उनकी बार कॉंउसिल ऑफ इंडिया में मान्यता के लिए शुल्क जमा नही की तो, वह इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी महाविद्यालय प्रबंधन की होगी।
आचार संहिता का दे रहे हवाला: विदित हो कि महाविद्यालय द्वारा पिछले 7 वर्ष से बार कॉंउसिल ऑफ इंडिया में एफिलेशन की फीस जमा नही की जा रही है। इस मामले की जानकारी होने के बाद लॉ कॉलेज के छात्रों ने अपनी ओर से पहल कर दिल्ली जाकर बार कॉंउसिल ऑफ इंडिया से शेष शुल्क संबंधि पूरी जानकारी भी निकलवा ली है और उससे महाविद्यालय प्रबंधन के साथ ही यूनिवर्सिटी को भी अवगत करा दिया है। इसके बाद भी महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा लगातार मामले में हीलाहवाली की जा रही है। छात्रों का कहना है कि प्राचार्य द्वारा आचार संहिता के बाद ही इस मामले में कुछ करने की बात कही जा रही है, जबकि बॉर कॉउसिल ने 15 दिनों में शुल्क जमा कराने को कहा है। लेकिन इसके बाद भी प्राचार्य उच्च शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश प्राप्त करने की बात कह रहे है। जबकि यह काम फोन पर भी हो सकता है।
करेेंगे मतदान का बहिष्कार: इस संबंध में लॉ कॉलेज के छात्र संकल्प जैन, प्रज्ञा सिंह, सुनील कुमार वैद्य, शिवानी जैन, दिव्याराजा बुंदेला सहित अन्य छात्रों का कहना है कि यदि जल्द ही महाविद्यालय प्रबंधन निर्धारित समयावधि में शुल्क जमा नही करता है तो वह लोकसभा में मतदान नही करेंगे। इन छात्रों का कहना है कि यह केवल उनके भविष्य का नही बल्कि पिछले 7 सालों में यहां से लॉ कर चुके, अन्य छात्रों के भविष्य का भी सवाल है।