१० बजे तक किया जाए पटाखों का उपयोग
दीपावली प्रकाश का पर्व है। त्योहार पर विभिन्न प्रकार के पटाखों का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है। पटाखों के ज्वलनशील और ध्वनि कारक होने के कारण परिवेशीय वायु में प्रदूषक तत्वों एवं ध्वनि स्तर में वृद्धि होकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। इसके साथ ही पटाखों के जलने से निकलने वाले कागज के टुकड़े और अधजली बारूद बच जाती है। जहां पशुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं कलेक्टर ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि कारक पटाखों को जलाने पर प्रतिबंध कर दिया है।