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१८ महीने बाद फायरेलिया की जांच के लिए लाइट ब्लड सर्वे शुरू

टीकमगढ़ में ब्लड नाइट सर्वे।

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टीकमगढ़ में ब्लड नाइट सर्वे।

टीकमगढ़ में ब्लड नाइट सर्वे।

३५९१५ लोगों की रात्रि में बनाई जाएगी ब्लड सिलाइड, मामले निकलने पर फिर खिलाई जाएगी फायलेरिया दवा

टीकमगढ़.जिले को फायलेरिया मुक्त करने के लिए नाइट ब्लड सर्वे कार्य शुरू कर दिया है। टीकमगढ़ शहर और बल्देवगढ़ ग्रामीण में ३५९१५ ब्लड स्लाइड बनाई जाएगी। इन स्लाइड की जांच में दस फीसदी फायलेरिया से पीडि़त पाया जाता है तो फिर से फरवरी में डोर टू डोर दवा खिलाई जाएगी। जिसके लिए रात्रि ८:३० बजे से ११ बजे तक कार्य किया जा रहा है।
जिले में आज तक ५६ फायलेरिया के मरीज दर्ज है। जिसमें कुछ गंभीर और कुछ सामान्य है। खास बात यह है कि अगर यह बीमारी किसी में मिल जाए तो उस बीमारी को खत्म करना मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण वर्ष २०२३ में १० फरवरी को घर-घर जाकर फायलेरिया दवा का सेवन कराया गया था। इस वर्ष चुनाव के साथ अन्य कारणों से दवा सेवन नहीं कराई गई। इस वजह से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा आशंका जताई जा रही है। जिसके कारण १८ महीने बाद ब्लड नाइट सर्वे कार्य किया जा रहा है।

बीमारी को खोजने चलाया जा रहा अभियान
मलेरिया विभाग के अधिकारी ने बताया कि १० फरवरी २०२३ में फायलेरिया दवा लोगों को खिलाई गई थी। वर्ष २०२४ में दवा खिलाने की पहल नहीं की गई। स्टेट कॉर्डिनेटर एनटीडी डब्ल्यूएचओ डॉ. देवेंद्र तोमर, स्टेट कंसल्टेंट फायलेरिया के पवन मेहरा ने टीकमगढ़ जिले में फायलेरिया मरीजों की खोज के लिए ब्लड नाइट सर्वे का शुभारंभ किया है। यह कार्यक्रम रात्रि ८:३० बजे से ११ बजे तक चलाया जाता है। प्रत्येक स्थान से ३०० ब्लड स्लाइड बनाई जा रही है।

टीकमगढ़ और बल्देवगढ़ में किया जा रहा सर्वे
बताया गया कि टीकमगढ़ के वार्ड ७, ८ और २० में रात्रि के समय सर्वे किया जा रहा है। इस स्थानों से १०८६३ लोगों की जांच की जाएगी। वहीं बल्देवगढ़ के खरगापुर, पथरगुवां और सरकनपुर से २५०५२ की ब्लड स्लाइड बनाई जाएगी। उनका परीक्षण भी किया जाएगा। जिससे फायलेरिया की बीमारी से जिला मुक्त किया जाएगा।

इनका कहना
फायलेरिया दवा वर्ष २०२३ में खिलाई गई थी। १८ महीने बाद उसके परिणाम को जांचा जा रहा है। अगर १० फीसदी फायलेरिया संबंधी बीमारी निकलती है तो आगामी दिनों में दवा का सेवन कराया जाएगा।
हरिमोहन रावत, जिला मलेरिया अधिकारी टीकमगढ़।