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विधानसभा में उड़ी थी देशी तो लोकसभा में वियर पर रहा जोर

locationटीकमगढ़Published: May 10, 2019 07:30:35 pm

Submitted by:

anil rawat

विधानसभा चुनाव के समय बिकी थी 3 लाख बल्क लीटर शराब तो लोस में डेढ़ लाख

Lok Sabha Election 2019

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टीकमगढ़. पिछले वर्ष नवम्बर माह में हुए विधानसभा चुनाव में शराब की बिक्री जमकर हुई थी। नवम्बर 2018 में हुई शराब की बिक्री सामान्य दिनों में होने वाली बिक्री से कहीं अधिक थी। वहीं इस बार लोकसभा चुनाव के समय शराब का उपयोग न के बराबर हुआ है। लेकिन इस दौरान वियर की बिक्री में जमकर उझाल आया है। विदित हो कि विधानसभा चुनाव में जहां देशी शराब पर जोर था तो वहीं लोकसभा चुनाव में गर्मी होने से वियर जमकर बिकी है। विदित हो कि चुनाव को निष्पक्ष संपन्न हो एवं चुनाव को प्रभावित करने किसी प्रकार से शराब का उपयोग का उपयोग न हो, इसके लिए भी प्रशासन सक्रिय रहता है, लेकिन इसके बाद भी चुनाव में शराब के उपयोग से किसी प्रकार से इंकार नही किया जा सकता है।


विधानसभा और लोकसभा चुनाव के महिनों में यदि शराब की बिक्री पर नजर डाली जाए तो यह साफ होता है कि लोकसभा चुनाव में शराब का उपयोग कम ही किया गया है। जबकि विधानसभा चुनाव में सामान्य दिनों की तुलना में शराब की खपत लगभग 1 लाख बल्क लीटर अधिक थी। वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान यह खपत सामान्य ही रही है। ऐसे में यह साफ होता है कि लोकसभा चुनाव के दौरान शराब का उपयोग कम हुआ है। लेकिन इस माह में वियर की खपत कुछ ज्यादा ही दिख रही है। सामान्य दिनों की तुलना में चुनावी माह अप्रैल में वियर की खपत दोगुनी से अधिक हो गई है। इसका एक कारण बड़ रही गर्मी भी बताया जा रहा है।

 


वियर पर रहा जोर: आचार संहिता लगने के बाद से दो माह की शराब बिक्री देखी जाए तो अप्रैल माह में यह औसत रही है। मार्च के महिनें में जहां 2 लाख 62 हजार 136 बल्क लीटर देशी शराब की बिक्री हुई थी, वहीं अप्रैल माह में यह 1 लाख 68 हजार 688 लीटर थी। मार्च माह में टेंडर प्रक्रिया शुरू होने के कारण पुराने ठेकेदारों द्वारा अपने शेष स्टॉक का उठाव किया गया था, इस कारण ज्यादा शराब बिक्री हुई थी। वहीं मार्च में अंग्रेजी शराब 27 हजार 20 लीटर तो अप्रैल में 36 हजार 633 लीटर की बिक्री हुई थी। वहीं इन दो माह में वियर की बिक्री ज्यादा देखी गई है। मार्च माह में जहां 56 हजार 566 बल्क लीटर वियर की बिक्री हुई थी, वहीं अप्रैल में यह सीधे 86 हजार 57 बल्क लीटर पर पहुंच गई है। जबकि विधानसभा चुनाव में इसकी खपत महज आधी ही देखी गई थी।


प्रशासन ने किए थे सख्त प्रबंध: चुनाव को निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए जाते है। इसमें चुनाव को प्रभावित करने के लिए उपयोग की जाने वाली शराब का उपयोग भी न करने देने के लिए प्रशासन पूरी कोशिश करता है। लेकिन इसके बाद भी चुनाव में शराब के उपयोग को रोक पाना अब भी प्रशासन के लिए एक चुनौती बना हुआ है। हालांकि इस बार चुनावी माह में शराब की बिक्री के जो आंकड़े है, वह साफ करते है कि इस बार चुनाव में शराब का उपयोग न के बराबर ही हुआ होगा। विदित हो कि इस बार चुनाव में शराब के उपयोग को कम करने के लिए प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के मामले में जिले का प्रदेश में तीसरा स्थान रहा था।
पंचायत चुनाव में होगी ज्यादा बिक्री: विदित हो कि अब शराब की बिक्री आगामी समय में होने वाले पंचायत चुनाव में ज्यादा होगी। हर बार पंचायत चुनाव के समय भी शराब की बिक्री में बढ़ोत्तरी देखी जाती है। पंचायत चुनाव में शराब के उपयोग को रोक पाना प्रशासन के लिए चुनौती होगी।


विधानसभा चुनाव के माह मेें हुई शराब की बिक्री
माह देशी स्प्रिट वियर
अक्टूबर २७५८१६ ४४२५७ ३९२७७
नवम्बर ३०७१८० ४६९१७ ४२५६०
लोकसभा चुनाव के माह में हुई शराब की बिक्री
मार्च 262136 27020 56566
अप्रैल 168788 36633 86057
(आंकड़े आबकारी विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, मात्रा बल्क लीटर में )

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