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टीकमगढ़

पशुओं में फैल रहे संक्रमण लम्पी रोग को खत्म करने के लिए १० हजार वैक्सीन का भेजा प्रस्ताव

जिले में लम्पी रोग (संक्रमण) ने शुरुआत कर दी है। कई पशुओं में यह बीमारी देखने को भी मिल रही है। यह दावा पशु विभाग के अधिकारियों ने की। यह संक्रमण पशुओं में तेजी से फैलता है। लेकिन बारिश के बाद उसके जाने की संभावना भी जताई है।

टीकमगढ़Sep 16, 2022 / 07:09 pm

akhilesh lodhi

 Lumpy disease was visible in the district, animal owners demanded from the administration for treatment

Lumpy disease was visible in the district, animal owners demanded from the administration for treatment


टीकमगढ़. जिले में लम्पी रोग (संक्रमण) ने शुरुआत कर दी है। कई पशुओं में यह बीमारी देखने को भी मिल रही है। यह दावा पशु विभाग के अधिकारियों ने की। यह संक्रमण पशुओं में तेजी से फैलता है। लेकिन बारिश के बाद उसके जाने की संभावना भी जताई है। इस बीमारी से पशुओं को सुरक्षित करने के लिए १० हजार वैक्सीन मांगने का प्रस्ताव भेजा है। जो जल्द ही जिले में आ जाएगी, उसके बाद विकासखण्ड स्तर पर लगाई जाएगी।
जिले की तहसीलों के पशुओं में लम्पी त्वचा रोग फैलने लगा है। बड़ी संख्या में लम्पी त्वचा रोग के वायरस से पशु संक्रमित हो चुके है। जहां कई पशुओं की मौत भी हो गई है। इसकी जानकारी पशु विभाग के पास नहीं है। पशु विभाग तो यह दावा कर रहा है कि लम्पी रोग तो आया है। लेकिन अन्य जिले की अपेक्षा कम है। हालांकि विभाग के पास स्टाफ नहीं है। जिसके कारण पशुओं की बीमारी का पता लगाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। जबकि अजनौर, पातरखेरा, सापौन के साथ अन्य गांव के लोगों ने पशुओं के उपचार के लिए जिला प्रशासन से मांग की है। उसके बाद भी विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पशु पालकों का कहना था कि विभाग कही न कही सही जानकारी आम लोगों से छुपा रहा है। जिसके कारण विभाग ने १० हजार वैक्सीन का प्रस्ताव भेज दिया है। बहुत जल्द वह वैक्सीन टीकमगढ़ में आ जाएगी।
ऐसे होती है लम्पी रोग की पहचान
लम्पी रोग से पशुओं की त्वचा पर चकत्ते, नाक बहना, तेज बुखार, त्वचा में गांठे बनना, चारा न खाना, शरीर में दर्द बना रहना, गांठे पककर फू टने के बाद शरीर में घाव बन जाता है। जिसमें मक्खियां के साथ अन्य प्रकार से पशु परेशान रहता है। पशु पालकों के अनुसार यह हालत कुछ ही क्षेत्रों में देखने को मिल रही है। लेकिन बारिश के पहले पशुओं मे अधिक दिखाई दे रही थी। लेकिन बारिश के बाद कुछ सुधार आया है। कई पशु एक स्थानी ने दिन भर और रात भर बैठे देखे गए। पालकों ने सर्वे कराकर उपचार कराने की मांग की है।
टीकाकरण के लिए १० हजार मांगी वैक्सीन
पशु विभाग के अधिकारियों का कहना था कि लम्पी बीमारी की वैक्सीन भी बन चुकी है, जल्द ही आने वाली है। इसके बाद पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। उसके लिए १० हजार वैक्सीन की मांग रखी गई है। इस बीमारी में जो भी पशु चपेट में आते हैं। उनकी त्वचा पर जगह जगह गांठों के साथ अन्य संके त दिखाई देते है। उन पशुओं का तत्काल उपचार किया जाएगा। जिससे इस बीमारी से छुटकार पा सके।
समय पर कराए उपचार
इस बीमारी का प्रकोप गर्म एवं आद्र्र नमी वाले मौसम में अधिक होती है। मौजूदा समय में जिस तरह से गर्मी व उमस बढी है। उससे रोग के फैलने का खतरा भी बढ चुका है। ठंडी के मौसम में स्वत: इसका प्रभाव कम हो जाता है। विभाग के अधिकारियों का कहना था कि संक्रमित पशु को एक जगह बांधकर रखें। उन्हें साफ और स्वच्द जगह पर बांधे, कीचड़ के साथ मच्छरों से बचाव करें। नीम के तेल और छुआ का उपयोग करे। जिससे इस बीमारी से उनकी सुरक्ष कर सके।
फैक्ट फाइल
जिले में गायों की संख्या-२२३१६7
जिले में भैंसों की संख्या-३०२9६9
जिले में भेंड़ों की संख्या-२५२१३
जिले में बकरियों की संख्या-२४४7२३
इनका कहना
जिले में संक्रमण बीमारी आई तो है, लेकिन ज्यादा प्रभाव नहीं है। इसके लिए जनपद पंचायत क्षेत्र में टीमों का गठन किया गया है। जिला नोडल अधिकारी के साथ कंट्रोल रुम भी बनाया गया है। उनके द्वारा लम्पी रोग के पशुओं का उपचार किया जा रहा है। टीकाकरण के लिए वैक्सीन की मांग की है, जल्द ही वैक्सीन आ जाएगी। उसके बाद टीकाकरण किया जाएगा।
डॉ डीके विश्वकर्मा उपसंचालक पशु विभाग टीकमगढ़।
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