पशु विभाग के अधिकारियों का कहना था कि लम्पी बीमारी की वैक्सीन भी बन चुकी है, जल्द ही आने वाली है। इसके बाद पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। उसके लिए १० हजार वैक्सीन की मांग रखी गई है। इस बीमारी में जो भी पशु चपेट में आते हैं। उनकी त्वचा पर जगह जगह गांठों के साथ अन्य संके त दिखाई देते है। उन पशुओं का तत्काल उपचार किया जाएगा। जिससे इस बीमारी से छुटकार पा सके।
समय पर कराए उपचार
इस बीमारी का प्रकोप गर्म एवं आद्र्र नमी वाले मौसम में अधिक होती है। मौजूदा समय में जिस तरह से गर्मी व उमस बढी है। उससे रोग के फैलने का खतरा भी बढ चुका है। ठंडी के मौसम में स्वत: इसका प्रभाव कम हो जाता है। विभाग के अधिकारियों का कहना था कि संक्रमित पशु को एक जगह बांधकर रखें। उन्हें साफ और स्वच्द जगह पर बांधे, कीचड़ के साथ मच्छरों से बचाव करें। नीम के तेल और छुआ का उपयोग करे। जिससे इस बीमारी से उनकी सुरक्ष कर सके।
जिले में गायों की संख्या-२२३१६7
जिले में भैंसों की संख्या-३०२9६9
जिले में भेंड़ों की संख्या-२५२१३
जिले में बकरियों की संख्या-२४४7२३
इनका कहना
जिले में संक्रमण बीमारी आई तो है, लेकिन ज्यादा प्रभाव नहीं है। इसके लिए जनपद पंचायत क्षेत्र में टीमों का गठन किया गया है। जिला नोडल अधिकारी के साथ कंट्रोल रुम भी बनाया गया है। उनके द्वारा लम्पी रोग के पशुओं का उपचार किया जा रहा है। टीकाकरण के लिए वैक्सीन की मांग की है, जल्द ही वैक्सीन आ जाएगी। उसके बाद टीकाकरण किया जाएगा।
डॉ डीके विश्वकर्मा उपसंचालक पशु विभाग टीकमगढ़।