इन योजनाओं का यह था उद्देश्य
मप्र के मुख्यमंत्री ने राज्य के किसानों के उत्थान के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। जिसका नाम मप्र कृषक उद्यमी लोन योजना रखा गया था। योजना के तहत राज्य के किसानों के बच्चों को सस्ती ब्याज दरों पर लोन मुहैया करवाया जाएगा। इस योजना से राज्य के किसानों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए लोन मुहैया कराया जाएगा। राज्य के किसानों के बच्चों के उत्थान के लिए राज्य सरकार ने मप्र कृषक उद्यमी लोन योजना की शुरुआत की थी। ताकि राज्य की गरीब किसानों के बच्चें अपनी शिक्षा जारी रख सकें।
इन योजनाओं को दी गई थी जिम्मेदारी
इस योजना का क्रियान्वयन कराने के लिए 12 विभाग को जिम्मेदारी दी गई थी। इनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास और आवास, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, अनुसूचित जाति कल्याण, जनजातीय कार्य, पिछडा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विमुक्त, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उद्यानिकी तथा खाद्य प्र.संस्करण, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य, विकास और पशुपालन विभाग शामिल हैं।
इस तरह का था लक्ष्य
पहले जिले में सभी विभागों को २० हजार से १९ सौ का लक्ष्य दिया गया था। इसके साथ ही इसे १ हजार कर दिया गया। वर्ष २०१८ में मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना के तहत १५० का लक्ष्य दिया गया था। जिसमें विभिन्न विभागों से २० आवेदन आए थे। लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा राशि नहीं दी गई है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में ३१० करोड़ का अनुदान विभिन्न योजनाओ ंको देने के लिए बांकी है।इस बार लक्ष्य को कम कर पिछले लक्ष्य को अनुदान देने की योजना बनाई जा रही है।
इनका कहना
पिछले वर्षो के मामलों को अनुदान नहीं मिल पाया है। प्रदेश में अनुदान के लिए ३१० करोड़ बांकी पड़े हुए है। सबसे पहले उन्हें अनुदान देने की योजना प्रदेश स्तर पर बनाई जा रही है। इस वर्ष मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना का लक्ष्य नहीं आया है। बेरोजगारी भी बढऩे लगी है। शासन स्तर पर रोजगार देने के लिए प्रयास किए जा रहे है।
राजशेखर पांडे महाप्रंबधक जिला उद्योग विभाग टीकमगढ़।