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कृषक उद्यमियों की आशाओं पर फिरा पानी, कोरोना काल के कारण नहीं आया लक्ष्य

locationटीकमगढ़Published: Aug 04, 2020 05:17:33 pm

Submitted by:

akhilesh lodhi

कोरोना काल के कारण जिले में इस बार प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना में लक्ष्य नहीं दिया गया।

 Many youth standing to take advantage of the scheme, but the government does not have the grant amount

Many youth standing to take advantage of the scheme, but the government does not have the grant amount


टीकमगढ़.कोरोना काल के कारण जिले में इस बार प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना में लक्ष्य नहीं दिया गया। पिछले वर्ष के स्वीकृत पड़े मामलों को अनुदान देने की बात की जा रही है। रोजगार के लिए किसान के बेटे विभिन्न डिग्री लेकर घूम रहे है। लेकिन उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं विभागों के जिम्मेदारों का कहना है कि पिछले वर्षो के स्वीकृत पड़े मामलों को अनुदान देने की तैयारी चल रही है। लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार से कोई संकेत नहीं आए है।
प्रदेश कृषि के क्षेत्र में कई बार आवार्ड ले चुका है। किसानों को नई-नई योजनाओं में आगे बढ़ाने और युवाओं को विभिन्न तरीके के रोजगार उपलब्ध कराने प्रयास किए हो। लेकिन इस वर्ष यह योजनाएं जमीनी स्तर पर विफल रही है। जिले के छह ब्लॉकोंं में से विभिन्न विभाग ने एक भी कृषक उद्यमी को लाभ नहीं दिया है। स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना शुन्य पड़ी हुई है। ऐसे में सरकार द्वारा लिए गए कृषि कर्मण अवॉर्ड में भी सवाल उठने लगे है।
किसानों को इन योजनाओं में मिलना था लोन
योजना का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना चलाई थी। इस योजना में किसानों के बच्चों को 10 लाख रुपए से 2 करोड़ रुपए तक का ऋण मुहैया कराया जाना था। यह ऋण कृषक सेवा क्षेत्र में एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, केटल फीड, पोल्ट्री फीड, मिल्क प्रोसेसिंग, ईकाइ की स्थापना के लिए दिया जाना था। जिसमें 15 से 20 फीसदी अनुदान सरकार द्वारा किसानों को दी जाती थी। लेकिन जिले के छह ब्लॉकों में इन योजनाओं का क्रियान्वयन शुन्य बना हुआ है। जारी आंकड़े कहते है कि वित्त विभाग द्वारा इस योजना में सैकड़ों किसानों को जोडऩे का लक्ष्य देते है। लेकिन लक्ष्य की पूर्ति 0 फीसदी ही कर पाए है। जिसको लेकर कई किसान योजनाओं को लाभ लेने के लिए विभाग के चक्कर चला रहे है।
इस समय सामने आई जिम्मेदारों की लापरवाही
कृषक उद्यमी योजना के क्रियान्वयन को लेकर स्थिति सामने आई है। इस योजना का प्रचार-प्रचार विभाग के अधिकारियोंं और कर्मचारियों द्वारा किया जाता है, और न ही टीएल बैठक में कलेक्टर द्वारा इस योजना की समीक्षा की जाती है। योजना का परफोमेंस नहीं होने से किसानों के बेटों को लाभ नहीं मिल पाया है।

इन योजनाओं का यह था उद्देश्य
मप्र के मुख्यमंत्री ने राज्य के किसानों के उत्थान के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। जिसका नाम मप्र कृषक उद्यमी लोन योजना रखा गया था। योजना के तहत राज्य के किसानों के बच्चों को सस्ती ब्याज दरों पर लोन मुहैया करवाया जाएगा। इस योजना से राज्य के किसानों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए लोन मुहैया कराया जाएगा। राज्य के किसानों के बच्चों के उत्थान के लिए राज्य सरकार ने मप्र कृषक उद्यमी लोन योजना की शुरुआत की थी। ताकि राज्य की गरीब किसानों के बच्चें अपनी शिक्षा जारी रख सकें।
इन योजनाओं को दी गई थी जिम्मेदारी
इस योजना का क्रियान्वयन कराने के लिए 12 विभाग को जिम्मेदारी दी गई थी। इनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास और आवास, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, अनुसूचित जाति कल्याण, जनजातीय कार्य, पिछडा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विमुक्त, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उद्यानिकी तथा खाद्य प्र.संस्करण, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य, विकास और पशुपालन विभाग शामिल हैं।
इस तरह का था लक्ष्य
पहले जिले में सभी विभागों को २० हजार से १९ सौ का लक्ष्य दिया गया था। इसके साथ ही इसे १ हजार कर दिया गया। वर्ष २०१८ में मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना के तहत १५० का लक्ष्य दिया गया था। जिसमें विभिन्न विभागों से २० आवेदन आए थे। लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा राशि नहीं दी गई है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में ३१० करोड़ का अनुदान विभिन्न योजनाओ ंको देने के लिए बांकी है।इस बार लक्ष्य को कम कर पिछले लक्ष्य को अनुदान देने की योजना बनाई जा रही है।
इनका कहना
पिछले वर्षो के मामलों को अनुदान नहीं मिल पाया है। प्रदेश में अनुदान के लिए ३१० करोड़ बांकी पड़े हुए है। सबसे पहले उन्हें अनुदान देने की योजना प्रदेश स्तर पर बनाई जा रही है। इस वर्ष मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना का लक्ष्य नहीं आया है। बेरोजगारी भी बढऩे लगी है। शासन स्तर पर रोजगार देने के लिए प्रयास किए जा रहे है।
राजशेखर पांडे महाप्रंबधक जिला उद्योग विभाग टीकमगढ़।
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