नही किया एक भी समर्थन: बैठक में एक के बाद एक पड़े गए सभी 9 प्रस्तावों का पार्षदों ने खुलकर विरोध किया। पार्षदों का कहना था कि नपा के प्रस्ताव जनता के हित में नही है। यहां पर जब जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों का महात्व नही है, तो जनता के हित में क्या काम होगा। नपा की बैठक में उपस्थित लगभग 21 पार्षदों में से केवल गोकुल प्रजापति और नपाध्यक्ष लक्ष्मी गिरि ने ही सभी प्रस्तावों का समर्थन किया। इससे सभी प्रस्ताव अमान्य कर दिए गए।
नही माने पार्षद: बैठक में सीएमओ दुबे और नपाध्यक्ष लक्ष्मी गिरि ने पार्षदों से इसका विरोध का कारण जानना चाहा, तो पार्षदों का कहना था कि जब उनकी किसी बात को पालिका में महात्व नही दिया जाता है, तो वह इस बैठक का मतलब ही क्या। नपाध्यक्ष ने कुछ अपनी पार्टी के पार्षदों से भी व्यक्तिगत रूप से प्रस्ताव का समर्थन करने की बात कहीं, लेकिन किसी ने साथ नही दिया।
1 अरब 65 करोड़ का था बजट: परिषद की बैठक में इस बार 1 अरब 65 करोड़ का भारी भरकम बजट लाया गया था। इस बजट में सबसे ज्यादा रूपया प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राप्त होना बताया गया है। इस बार भी नगर में लगभग 2600 हितग्राहियों को योजना के तहत आवास की राशि प्रदान की जानी है। आवास योजना के तहत परिषद को 1 अरब 12 करोड़ रूपए से अधिक की राशि प्राप्त होनी है। वहीं सबसे ज्यादा व्यय भी इसी मद में होना है। लेकिन परिषद में सारे प्रस्ताव एक सुर में नकार दिए गए।
कहते है अधिकारी: सम्मेलन में जो भी प्रस्ताव लाए गए थे, वो जनहित में नही थे। नपा द्वारा पार्षदों को बिना विश्वास में लिए काम किए जा रहे है। यहां पर पार्षदों की किसी बात को नही सुना जा रहा है। पालिका में मनमर्जी और तानाशाहीपूर्ण तरीके से काम किया जा रहा है। विधानसभा चुनाव में जिन 40 संविदा कर्मचारियों को निर्वाचन आयोग के निर्देश पर हटाया गया था, उन्हें फिर से रख लिया गया है। इसकी जानकारी भी परिषद को नही दी गई है। इन सब बातों की शिकायत कलेक्टर एवं वरिष्ठ अधिकारियों से की जाएगी।- भरत सोनी, पार्षद एवं नेता प्रतिपक्ष, नगर पालिका टीकमगढ़।
विधानसभा चुनाव के बाद यह परिषद की महात्वपूर्ण बैठक थी। अब फिर से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी। इसमें विकास से जुड़े अनेक कार्यों के प्रस्ताव थे। महात्वपूर्ण बजट था। उसे भी नकार दिया है। इससे विकास कार्य प्रभावित होंगे।- लक्ष्मी गिरि, अध्यक्ष, नगर पालिका, टीकमगढ़।