निवाड़ी विधानसभा बूथ क्रमांक 13
मतदान केन्द्र- केशव भवन ओरछा
कांग्रेस को प्राप्त मत- 270
भाजपा को प्राप्त मत- 295
जो पार्टी ओरछा से बनाएंगी प्रत्याशी, उसे ही वोट
विश्व पटल पर अपनी धार्मिक एवं अध्यात्मिक नगरी के रूप में अपनी छवि बना चुकी श्रीरामराजा सरकार की नगरी ओरछा के वार्ड क्रमांक 13 के केशव भवन बूथ से कांग्रेस के प्रत्याशी बालकृष्ण दुबे को सर्वाधिक मत मिले थे। अपनी विश्वव्यापी छवि के बाद भी ओरछा आज जहां मूलभूत सुविधाओं से अछूता है, वहीं पर्यटन को लेकर भी यहां पर खास काम नही हुए है। वार्ड नंबर 7 के गंज मुहल्ला निवासी देवेन्द्र रजक का कहना है कि यहां पर वर्षों से पेयजल संकट है। कई बार विधायक को अवगत कराया। लेकिन कोई फायदा नही। केशव वार्ड निवासी प्रदीप विश्वकर्मा भी पेयजल सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के निराकरण न होने की बात कह रहे है। वहीं कौशलेन्द्र कौशल यह मानते है कि वर्तमान में नगर सहित क्षेत्र की कानून व्यवस्था ठीक है। अपराध ज्यादा नही बढ़ पा रहे है। इन सबसे अलग नगर के अधिकांश मतदाताओं का कहना है कि हर बार ओरछा क्षेत्र के बाहर का विधायक चुने जाने के कारण यहां पर उनका ज्यादा ध्यान नही रहता है। यही कारण है कि ओरछा की ख्याती के अनुरूप यहां का विकास नही हो सका है। विदित हो कि हाल ही में श्रीरामराजा सरकार के दर्शन करने आए गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने खुद इस बात को स्वीकार किया गया था, ओरछा का समुचित विकास नही हो सका है। ऐसे में यहां के मतदाता अब किसी पार्टी और प्रत्याशी का समर्थन करते नही दिखाई दे रहे है। लोगों का कहना है कि जो भी पार्टी अब ओरछा क्षेत्र के प्रत्याशी को अपना टिकिट देगी, जनता उसी को अपना वोट करेगी।
निवाड़ी विधानसभा बूथ क्रमांक 76
मतदान केन्द्र- कुलुआ खास
भाजपा को मिले मत- 862
कांग्रेस को मिले मत- 22
बदले-बदले से सरकार नजर आते है, कुलुआ खास में दिख रही नाराजगी
निवाड़ी विधानसभा के बूथ क्रमांक 76 कुलुआ खास के लोगों ने 862 वोट देकर भाजपा प्रत्याशी अनिल जैन को अपना सिरमौर बनाया था। आजादी के बाद से पहली बार भाजपा ने इस सीट को जीता था। लेकिन चुनाव जीतने के बाद से तो सरकार बदल ही गए। यह कहना है कुलुआ खास के लोगों का। वैसे तो गांव में कोई भी ऐसी समस्या नही है, कि लोगों को विधायक की आवश्यकता महसूस हुई हो। देवेन्द्र अहिरवार का कहना है कि पूरे क्षेत्र में खुले घूम रहे आवारा मवेशियों के कारण किसान और यातायात प्रभावित हो रहा है। इस पर विधायक प्रयास कर सकते थे, लेकिन कुछ नही किया गया। वहीं सूखे के समय में गांव की पेयजल एवं खेतों में लाईट की समस्या है। आकाश राय का कहना है कि स्कूल का तो उन्नयन हो गया है, लेकिन शिक्षकों के समय से न आने के कारण छात्र परेशान है। वहीं बृजेश विश्वकर्मा भी लाईट के बिल माफ न होने एवं पर्याप्त बिजली न मिलने की समस्या बता रहे है। इन लोगों की माने तो चुनाव जीतने के बाद विधायक जी बहुत बदले दिखाई देते है। गांव में ऐसी तो कोई बड़ी समस्या या मुद्दा नही है, जिसके लिए लोगों को विधायक के साथ की आवश्यकता हो, लेकिन लोगों का कहना है कि कई मौकों पर जब विधायक से मिलने की कोशिश की गई तो लोगों की बात पर ठीक से ध्यान भी नही दिया गया है। लोगो का कहना था कि विधायक गॉव से निकल जाते है ,लेकिन उनके वाहनो के कॉच भी बेवजह नीचे नही आते।