बूथ का नाम- लुहुरगुंवा
भाजपा को मिले मत- 519
कांग्रेस को मिले मत- 305 नही हुआ समस्याओं का समाधान
पृथ्वीपुर विधानसभा के बूथ क्रमांक 39 लुहुरगुंवा से सर्वाधिक 519 मत भाजपा प्रत्याशी अनीता नायक को मिले थे। यहां के लोगों ने अनीता नायक को भारी समर्थन दिया था। लेकिन लोगों की माने तो पिछले पांच साल में उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नही दिया गया है। ग्रामीणों की माने तो पिछले पांच साल से जहां लाईट की समस्या हल नही हो सकी है, वहीं सूखा राहत सहित शौचालय एवं आवास जैसी शासन की योजनाओं का लाभ भी पात्र हितग्राहियों को नही मिला है। लोग विधायक पर गांव में न आने का भी आरोप लगा रहे है। गांव के दीपक अहिरवार का कहना है कि पिछले पांच साल से गांव में सबसे बड़ी समस्या लाईट की है। कभी ट्रांसफार्मर खराब हो रहे तो बदले नही जा रहे है, तो कभी लाईट टूटने से गांव में अंधेरा छाया रहा है। इसके लिए कई बार विधायक से संपर्क किया गया, लेकिन समस्या आज भी कायम है। वहीं बल्लू बुनकर का कहना है कि गांव के कई किसान आज भी सूखा राहत का पैसा पाने के लिए भटक रहे है। पुष्पेन्द्र कुशवाहा भी इसकी शिकायत करते है। वहीं बलचू केवट का कहना है कि गांव में पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ नही दिया गया है। कुछ लोगों को शौचालय एवं प्रधानमंत्री का लाभ मिला भी है तो अब किश्त के लिए भटक रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि जब अधिकारी गरीबों की नही सुनते तो उनके पास जनप्रतिनिधियों का ही सहारा होता है, लेकिन उन्होंने भी लोगों की समस्याओं को ठीक से नही उठाया है। समस्याओं का निराकरण न होने के कारण लोगों के मन में अब नाराजगी देखी जा रही है। यह नाराजगी आगामी चुनाव का परिणाम प्रभावित कर सकती है।
बूथ का नाम- जेर
कांग्रेस को मिले मत- 502
भाजपा को मिले मत- 41
सुख-दुख के सहभागी रहे, नही हुआ काम
पृथ्वीपुर विधानसभा के बूथ क्रमांक 54 जेर से कांग्रेस के उम्मीदवार ब्रजेन्द्र सिंह राठौर को सबसे अधिक लीड मिली थी। उन्हें यहां से 502 मत प्राप्त हुए थे। जेर कांग्रेस प्रत्याशी ब्रजेन्द्र सिंह राठौर का पैतृक गांव भी है। इस गांव के मतदाताओं के मन में पिछले पांच साल कोई विकास कार्य न होने का मलाल है, इसके लिए वह वर्तमान विधायक को ही जिम्मेदार मानते है। ेलोगों का कहना है कि चुनाव के बाद जो भी प्रत्याशी जीतता है, वह पूरी विधानसभा का विधायक होता है। लेकिन पांच साल इस गांव को उनके विरोध का खामियाजा भुगतना पड़ा है और कोई काम नही हुआ है। गांव में आज भी बिजली, कुछ स्थानों पर सड़क एवं पलायन की समस्या है। ग्रामीणों का कहना है कि पांच सालों में विधायक गांव में एक बार भी नही आए है, जबकि ब्रजेन्द्र सिंह राठौर का संपर्क निरंतर बना रहा है। गांव के सुरेश यादव का कहना है कि गांव की समस्याओं पर किसी प्रकार का ध्यान नही दिया गया है। चैने अहिरवार, अजीम खान का कहना है कि यदि उनके प्रत्याशी जीतने के बाद यहां काम नही करते तो उनका विरोध होता, लेकिन वह हार गए थे, वहीं भाजपा प्रतयाशी ने जीतने के बाद गांव का रूख भी नही किया है। हालांकि कुछ लोग केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं से मिले लाभ के कारण भाजपा सरकार की तरफदारी कर रहे है।