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बारिश से दरक खा गई कच्चे मकानों की दीवारें. रात भर भींगते रहे, अब भी नहीं मिल रही राहत

locationटीकमगढ़Published: Aug 02, 2021 06:44:43 pm

Submitted by:

akhilesh lodhi

नगरपालिका क्षेत्र मेंं बारिश के पानी से गरीब तबके के लोगों को अब घरों में रहना मुश्किल हो गया है। दीवारों के ऊपर तनी पन्नी फटी है।

mud house

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टीकमगढ़.नगरपालिका क्षेत्र मेंं बारिश के पानी से गरीब तबके के लोगों को अब घरों में रहना मुश्किल हो गया है। दीवारों के ऊपर तनी पन्नी फटी है। तो वहीं घर की दीवारे दरक खा गई है। बारिश के पानी के बहाव से मिट्टी के बने घर गिरते जा रहे है। जहां परिवारजनों को दुर्घटनाओं का डर सता रहा है। यह हालात प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों के साथ पात्रों को आपात्र किए गए लोगों की है। वहीं चंदेरा के मनाट खिरक में बारिश के पानी एक मकान ढह गया है।
पत्रिका ने नगरपालिका क्षेत्र के वार्डो में रह रहे गरीब तबके वाले परिवारों के हालातों को जाना, तो वह भूख प्यास को छोड़ स्वयं और परिवार जनों को बारिश के पानी से बचाने का प्रयास करते देखे गए। सात फुट के एरिया वाले टपरे में टपकने वाले पानी के स्थानों पर कई बर्तन रखे हुए थे। वहीं बच्चों की किताबें और राशन बारिश के पानी में गीला दिखाई दे रहा था। परिवार के मुखिया रात से दोपहर तक परिवार को सुरक्षित करने के प्रयास कर रहे थे। वह नगरपालिका के अधिकारियों को कोसते नजर आ रहे थे। उनका कहना था कि हम लोग तो कच्चे और मिट्टी के घरों में सुरक्षित थे। लेकिन अब ना तो घर सुुरक्षित है और ना ही परिवार के लोग सुरक्षित नजर आ रहे है।
एक ही आई किस्त, दूसरी देने से कर रहे मना
इंदिरा कॉलोनी निवासी नजीर खान ने बताया कि पहले मकान कच्चा था। मेेहनत मजदूरी करके उसका रखरखाव कर लेते थे। लेकिन प्रधानमंत्री आवास की सूची में आते ही कच्चे मकान को तोड़ दिया। पहली ही किस्त आई है। उससे मकान की नीव भरी गई। अब उसी जमीन में टपरा डालकर परिवार के साथ रह रहे है। एक हफ्ता से पूरा परिवार बारिश के पानी से गीला हो रहा है। अब कहा जाए। सुरक्षित रहने के लिए जगह भी नहीं मिल रही है।
बारिश में गिर गई दीवार, मिट्टी से दोवारा बना ली
सैलसागर चौराहा मोहल्लो निवासी नसीर खान ने बताया कि प्रधानमंत्री सूची में मेरा नाम आ गया था। लेकिन आपात्र घोषित कर दिया। बारिश के समय कच्चे घर की दीवार ढह गई थी। उसे बढ़ी ही मुश्किल से बना पाया हूं। पन्नी से पूरे घर को ढक दिया है। अगर तेज बारिश होती है तो पूरा मकान ढहने से नहीं बचेगा।
लकडिय़ों के सहारे बना मिट्टी का घर
पुरानी टेहरी घटिया के नीचे कुम्हेडीबाई के साथ उसका पूरा परिवार निवास करता है। वह कच्चा मकान लकडिय़ों के सहारे खड़ा है। आवास योजना में नाम दर्ज किया गया था। लेकिन उसे आपात्र घोषित कर दिया है। परिशानियों को देखे नगर के समाजसेवियों से चंदा एकत्रित करके शौचालय निर्माण करा दिया है।

दीवारें खा गई दरक, फटी पन्नी से टपक रहा पानी
पत्रिका ने मोटे का मोहल्ला, इंदिरा कॉलोनी, लक्कडख़ाना, पुरानी टेहरी के साथ अन्य वार्डो में गरीब तबके के लोग निवास कर रहे है। वह दैनिक मजदूरी करके अपना और परिवार का भरण पोषण कर रहे है। कच्चें घरों के ऊपर बारिश से बचने के लिए पन्नी डाले हुए है। लेकिन वह कई स्थानों से फटी है। जहां से घर में कई जगहों पर पानी टपक रहा है। इसके साथ ही बारिश से दीवारे दरक गई है। जिनसे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिन नपा द्वारा इस मामले में कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
चंदेरा के मनाट खिरक भी बारिश से ढह गया मकान
ग्राम पंचायत चंदेरा का मनाट खिरक निवासी बैजनाथ कुशवाहा ने रविवार रविवार की रात १० बजे मकान गिर गया है। हालांकि परिवार जनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। मकान में ग्रहस्थी का पूरा सामान रखा हुआ है। उसके मलवे में पूरा दब गया है। प्रधानमंत्री आवास भी दिया गया। लेकिन पूरी राशि नहीं मिल पाई है। जिसके कारण टूटे मकान में रहने के लिए मजबूर है।
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