नमस्ते ओरछा महोत्सव के द्वारा प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश के पर्यटन की ब्रांडिंग करने जा रही है। ऐसे में यहां पर आने वाले विभिन्न डेलीगेट्स के लिए ओरछा को पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है। इसके लिए शासन द्वारा ओरछा की सभी नालियों को कवर्ड करने, हर मुख्य सड़क परस्ट्रीट लाईट लगाने, हैरीटेल पार्कनिर्माण, बायपास सहित शहर के बीच के मार्गों पर फुटपाथ निर्माण सहित तमाम काम किए जा रहे है। लेकिन इन कामों में अधिकांश अधूरे पड़े हुए है। कुछ काम तो अभी शुरू ही हुए है। इन सभी कामों को पूर्ण करने के लिए शासन द्वारा 15 फरवरी डेड लाइन दी गईथी, लेकिन यह काम अब तक अधूरे पड़े हुए है।
यह काम काफी पीछे: ओरछा को दूधिया रोशनी में नहलाने के लिए हर प्रमुख सड़क पर स्ट्रीट लाइट लगाने जानी थी। नगर परिषद द्वारा इसके लिए 6 6 लाख रुपए की लागत से ओरछा तिगैला से जामनी नदी, बायपास एवं छारद्वारी मंदिर तक एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाईजानी थी। यह काम भी अभी लगभग 70 प्रतिशत ही पूरा हुआ है। वहीं बायपास पर लगने वाली सेंट्रल स्ट्रीट लाइट के लिए तो अभी डिवाइडर का ही काम किया जा रहा है। यह काम होने के बाद इस पर खम्बे लगाकर लाइट लगाने का काम किया जाएगा। ऐसे में यह काम फरवरी के लास्ट तक भी पूरा होता नहीं दिख रहा है। यही हाल 45 लाख रुपए की लागत से बनने वाले हैरीटेज पार्क का भी है। चतुर्भुज मंदिर के पास बनने वाले इस पार्क में अभी समतलीकरण का काम ही हो सका है।
यह काम भी अधूरे: इसके साथ ही नालियों को कवर करने, बायपास मार्ग पर फुटपाथ निर्माण, कोर्टसे तहसील तक फुटपाथ निर्माण, गणेश दरवो से बेतवा नदी तक डामरीकरण, पंचकोषी परिक्रमा का निर्माण, फूलबाग का सौदर्यीकरण सहित तमाम काम भी पूरे नहीं हो सके है। यह काम भी 70 से 8 0 प्रतिशत तक पूर्णबताए जा रहे है। 155 लाख से बनने वाला पंचकोषी परिक्रमा का काम भी काफी पीछे चल रहा है।
यह काम हुए पूरे: ओरछा महोत्सव को लेकर केवल पूरे नगर को एक रंग में रंगने एवं स्मारकों के सफाईका काम ही पूरा हो सका है। श्रीरामराजा मंदिर के रंग में रंग चुका पूरा शहर अलग ही दिखाई दे रहा है। मंदिर परिसर एवं किले मैदान में लगने वाली सभी दुकानों पर लगे एक से ग्लोसाइन बोर्ड से सुंदरता और भी निखरकर सामने आ रही है।
बढ़ाईसमय सीमा: इस संबंध में नगर परिषद सीएमओ प्रताप सिंह खेंगर का कहना है कि लगभग 8 0 प्रतिशत काम पूरे कर लिए गए है। शेष काम भी जल्द ही पूरे कर लिए जाएंगे। उनका कहना था कि सभी ठेकेदारों को 27 फरवरी तक काम पूरा करने के निर्देश दिए गए है। ठेकेदारों से काम को तेजी से करने को कहा गया है। लेकिन कामों की वर्तमान स्थिति देखते हुए काम पूरा होना कठिन लग रहा है।