Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्राकृतिक रूप से भगा रहे मच्छर, डेंगू और मलेरिया की बीमारियों से छुटकारा

मारिगोल्ड (गैंदा के पौधे

3 min read
Google source verification
मारिगोल्ड (गैंदा के पौधे

module: NormalModule; touch: (-1.0, -1.0); modeInfo: ; sceneMode: Auto; cct_value: 0; AI_Scene: (-1, -1); aec_lux: 137.0;

लहसून, प्याज, वन तुलसी, पुदीना, पेपरमिंट आदि पौधें हो रहे लाभदायक

टीकमगढ़.डेंंंंगू और मलेरिया मच्छरों को प्राकृतिक रूप से दूर किया जा सकता है। उसके लिए युवा ने घरों में कई प्रजाति के पौधों को लगाना शुरू कर दिया है। ढोंगा रोड स्थित घर की छत और खाली पड़ी जगह पर जैक प्लांट बनाया गया और पौधों को भी रोपा जा रहा है। इन पौधों के रौपने से सभी प्रकार के जहरीले जीव दूरी बनाते है। सबसे अधिक नींबू, वन तुलसी, पुुदीना, लैवेंडर (पेपरमिंट के पौधे), मारिगोल्ड (गैंदा के पौधे), सिट्रोनेला की घास के साथ अन्य प्रकार के पौध डेंगू से बचाव कर रहे है। इसकी पहल विभाग ने भी कर दी है।
बारिश के बाद जिले में डेंगू के मामले तेजी से बढऩे लगे है। अब तक ३०७ जांचों में से ९ डेंगू के मामले सरकारी अस्पताल में आए है। इससे पांच गुना अधिक निजी अस्पतालों में दर्ज है। डेंगू और मलेरिया जिन मच्छरों से होते है, उनसे बचाव के लिए कुछ पौधे बड़े कारक होते है। शहर में अब बीमारी से बचाव वाले पौधों की मांग तेजी से बढऩे लगी है। बाजार में तरह-तरह के प्रोड्क्ट्स भी उपलब्ध है, जिनमें स्पे्र, अगरबत्ती, कार्ड के साथ अन्य माध्यम से मच्छर समाप्त होते है। यह बहुत कम लोगों को पता रहता है कि मच्छरों को प्राकृतिक रूप से भी घरों से दूर रखा जा सकता है। इन पौधों की मद्द से मच्छरों को घरों से दूर रखने में सहायता मिलती है।

लहसून, प्याज और अन्य पौधों से बना लेता है दूरी
मलेरिया अधिकारी हरिमोहन रावत ने बताया कि डेंगू का प्रकोप बढऩे लगा है। इसमें घरेलू उपाय भी किए जा सकते है। क पूर, तुलसी, लहसून, नीम का तेल, नींबू और लौंग, कॉपी की तलछट, नीलगिरी तेल, पेपरमिंट तेल, लैवेंडर, रोजमेरी, सेव का सिरका, दाल चीनी, प्याज के साथ अन्य का उपयोग किया जा सकता है। उनका कहना था कि मादा मच्छर का ढंक होता है, मैल मच्छर का नहीं होता है।

यह है मच्छरों के दूश्मन पौधे
नगर के ढोंगा रोड निवासी आलोक जैन ने बताया कि पूरे घर को जैक प्लांट बना दिया है। घर के पीछे, गैलरी, छत, ढालान,पट्टी, सडक़ किनारे खाली पड़ी जगह में कबाड से जुगाड का बगीचा बना दिया है। फल देने से लेकर फूल, अच्छी खुशबू और मच्छरों को भगाने वाले पौधे भी रोप दिए है। प्रतिदिन दो घंटे ३५ वर्ष से जैक प्लांट को दे रहा हूं। आज मेरा घर गार्डन बन गया है। प्राकृतिक तरीके से मच्छरों को भगाने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने का कार्य किया जा रहा रहा है।

नींबू का पौधा- नींबूूू के पौधों की खेती मच्छरों को दूर भगाने में सहायक होती है। नींबू का तेल प्राकृतिक मच्छररोधी गुण रखता है।
तुलसी को हिन्दू धर्म में पवित्र माना जाता है और इसकी खुशबू मच्छरों को दूर करने में प्रभावी है। इसे घर के आंगन, खिडकियों पर लगाना फायदेमंद होता है।
पुदीना की तेज खुशबू मच्छरों को नापसंद होती है, पुदीने का पौधा आसानी से लगाया जा सकता है। इसकी पत्तियों का उपयोग खाने में भी किया जाता है।
लैवेंडर (पेपरमिंट के पौधे)का पौधा न केवल सुंदर होता है, बल्कि इसकी खुशबू भी मच्छरों को दूर रखती है। लैवेंडर (पिपरमेंट के पौधे) को गमले में भी लगाया जा सकता है।
मारिगोल्ड (गैंदा के पौधे) के फूलों में एक खास केमिकल होता है जो मच्छरों को दूर भगाता है। यह पौधा बहुत सुंदर होता है और इसे बगीचे में लगाना अच्छा होता है।
सिट्रोनेला की घास मच्छरों को दूर रखने के लिए बहुत प्रभावी होती है। इसका तेल कई मच्छररोधी उत्पादों में भी उपयोग किया जाता है। इसके बगीचे में लगाकर मच्छरों को दूर रखा जा सकता है।

फैक्ट फाइल
३६०७२ घरों में किया गया लार्वा सर्वे
१२१७ घरों में पाया गया लार्वा
१२८५४३ कंटेनर का किया गया सर्वे
१३३४ कंटेनरों में पाया गया लार्वा
३०७ की गई डेंगू की जांचे
०९ पाए गए डेंगू
१३१४६० की गई मलेरिया की जांचें