कुछ शिक्षकों का स्कूल न जाना आम बात हो गया हैं। कुछ शिक्षक विभिन्न संगठनों की नेतागिरी में तो कुछ अपने प्रभाव के कारण स्कूल जाना अपनी तौहीन समझने लगे हैं। जिले में कुछ शिक्षक तो ऐसे हैं, जो वर्षों से स्कूल गए ही नहीं हैं। ऐसा ही एक वाकया 16 जुलाई को कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन के सामने उस समय आया था जब वह बल्देवगढ़ विकासखण्ड के ग्राम बड़ेरा में हाई स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। यहां पर पता चला कि स्कूल में पदस्थ शिक्षिका वंदना त्रिपाठी पिछले 8 वर्ष से स्कूल नही आई हैं। इसके बाद जब कलेक्टर ने और जानकारी की तो पता चला कि यह एक मामला नहीं हैं, जिले में ऐसे और भी कई शिक्षक हैं, जो अपने प्रभाव का दुरूपयोग कर रहे हैं। ऐसे में कलेक्टर ने अब ऐसे शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिदिन खुद ही शिक्षकों की उपस्थिति चैक करने के निर्देश दिए हैं।
ऐसे दी जाएगी उपस्थिति: स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थित सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर ने व्हाट्स-एप पर उपस्थिति भेजने की व्यवस्था बनाई हैं। इस व्यवस्था के तहत हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी से सुबह 10.30 बजे उपस्थिति संकुल प्राचार्य को भेजी जाएगी। संकुल प्राचार्य अपने क्षेत्र के हर स्कूल की जानकारी आने के बाद उसे निर्धारित प्रपत्र पर भर कर व्हाट्स-एप से 11 बजे तक अपने बीइओ को भेजेंगे। बीइओ अपने विकासखण्ड के हर संकुल से जानकारी को निर्धारित प्रपत्र में भर सुबह 11.30 बजे तक जिला शिक्षा अधिकार को भेजेंगे।
इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी 12 बजे तक यह जानकारी कलेक्टर को भेजेंगे। ऐसे ही व्यवस्था प्राथमिक से माध्यमिक शालाओं की होगी। इसमें माध्यमिक शालाओं से जानकारी संकुल प्राचार्य को संकुल से बीआरसी को और बीआरसी से परियोजना समन्वयक को जानकारी भेजी जाएगी।
कहीं खुशी, कहीं गम: कलेक्टर की इस व्यवस्था की चर्चा शिक्षा विभाग के साथ ही पूरे कलेक्ट्रेट में हो रही हैं। इस व्यवस्था के बाद शिक्षा विभाग के कुछ शिक्षक जहां इससे नाराज दिखाई दे रहे हैं, वहीं कुछ इससे खासे खुश हैं। नाराजगी वाले शिक्षकों में वहीं शामिल हैं, जो अब तक स्कूल जाने के नाम पर स्वतंत्र रहते थे। इस आदेश के अमल में आने के बाद से विभाग के अन्य शिक्षक एवं कर्मचारी भी ऐसे शिक्षकों के मजे लेते दिखाई दे रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस व्यवस्था के संबंध में निर्देश हर स्तर पर भेज कर, इसे प्रारंभ कराने को कहा हैं।