29 अगस्त को जतारा आने के बाद यह पोस्ट ऑफिस में पड़ी रही और 11 सितम्बर को वितरण किया गया।
नेट कनेक्टिविटी बता रहे समस्या: 15 दिन तक पोस्ट ऑफिस में डाक पड़े रहने का कारण उप डाकपाल विपिन विश्वकर्मा द्वारा नेट कनेक्टिविटी का न होना बताया जा रहा है। उनका कहना है कि स्पीड पोस्ट की डाक नेट के माध्यम से संचालित होती है। नेट कनेक्टिविटी न होने के कारण यह डॉक पोस्ट ऑफिस में पड़ी रही। नेट कनेक्टिविटी आने पर इसका वितरण किया गया। पोस्ट ऑफिस में नेट कनेक्टिविटी की समस्या की बात सुनकर लोग सरकार के डिजीटल इंडिया के नारे पर प्रश्र खड़े कर रहे है। लोगों का कहना है कि जब यह सामान्य कार्य ही नेट कनेक्टिविटी से प्रभावित हो रहे है, तो सरकार लेने-देन के लिए डिजीटल माध्यम का प्रयोग करने का दावा कैसे कर रही है।
की शिकायत: डाक विभाग की लापरवाही से परेशान हरिबाबू शर्मा का कहना है कि उनकी ***** ने 24 अगस्त को भोपाल से डाक भेजी थी। उन्हें यह 11 सितम्बर को मिली थी। इस पर उन्होंने इसकी शिकायत पोस्ट मास्टर जनरल भोपाल एवं डाक अधीक्षक छतरपुर से की है।
कहते है अधिकारी: इस संबंध में शिकायत मिलने पर इसकी जांच कराई जाएगी। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह गंभीर लापरवाही का मामला है।- आरएस चौहान, डाक अधीक्षक, छतरपुर।