महेन्द्र सागर तालाब नगर की पेयजल आपूर्ति का प्रमुख श्रोत है। इसी तालाब से जहां नगर का भूमिगत जलस्तर मेंटेन रहता है तो इसी तालाब से क्षेत्र भर के लगभग एक दर्जन तालाबों में लिंक सिस्टम से जल आपूर्ति भी यहीं से होती है। लेकिन कुछ समय से यह तालाब प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण अपने अस्तित्व के लिए जद्दोजहद कर रहा है। तालाब में पनप रही जलकुंभी और फैल रही गंदगी को लेकर किसी का ध्यान नही है।
शुरू हुआ अभियान: इस तालाब की दुर्दशा देखकर नगर के भारतभूषण पटैरिया, सीएल रजक, रमेश द्विवेदी एवं हरिप्रकाश श्रीवास्तव सहित अन्य लोगों ने तालाब को संवारे का काम शुरू कर दिया है। यह लोग पिछले 10 दिनों से तालाब में छाई जलकुंभी को हटाने का काम कर रहे है। इसके साथ ही तालाब की सीढिय़ों एवं किनारों पर फैले कचरे को भी हटाया जा रहा है।
अपनों से ले रहे सहयोग: भारतभूषण पटैरिया ने बताया कि तालाब की सफाई के लिए 10 मजदूरों को लगाया गया है। इसके लिए कुछ पैसों की व्यवस्था इन लोगों ने स्वयं की है, जबकि कुछ पैसे की व्यवस्था यह लोग अपने परिचितों से कर रहे है। 10 मजदूरों के साथ ही यह लोग स्वयं भी इसमें श्रमदान कर रहे है। भारतभूषण पटैरिया का कहना है कि यह तालाब नगर की जलापूर्ति का प्रमुख केन्द्र है। क्षेत्र सहित आसपास के एक दर्जन गांवों में सिंचाई के लिए भी यह तालाब ही प्रमुख श्रोत है। ऐसे में इसका रख-रखाव जरूरी है।
पिछले वर्ष हुई थी नहर की सफाई: विदित हो कि यह पूरा तालाब लिंक सिस्टम पर बना हुआ है। पिछले बार भी जब नगर के कुछ लोगों ने इस तालाब को बचाने की मुहिम शुरू की थी तो पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव ने खुद इसकी पठा लिंक नहर की सफाई कराकर उसका गहरीकरण कराया था। लेकिन इसमें फैली जलकुंभी एवं गंदगी के लिए कोई काम नही हुआ था। ऐसे में नगर के लोगों ने अब इसका वीड़ा उठाया है।