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क्यों नहीं काटे गए 2 हजार वृक्ष, शुरू हुई जांच

locationटीकमगढ़Published: May 21, 2019 08:06:24 pm

Submitted by:

akhilesh lodhi

जिले की सबसे बड़ी बांध परियोजना बानसुजारा के डूब क्षेत्र में आ रही वन विभाग की जमीन से 5 हजार से अधिक वृक्षों को काटा जाना था।

 Out of 84 thousand registration farmers, 41 thousand farmers sold wheat

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टीकमगढ़. जिले की सबसे बड़ी बांध परियोजना बानसुजारा के डूब क्षेत्र में आ रही वन विभाग की जमीन से 5 हजार से अधिक वृक्षों को काटा जाना था। इसमें 2 हजार वृक्ष जहां टीकमगढ़ वन मण्डल के तहत आते थे, वहीं 3 हजार वृक्ष छतरपुर वन मण्डल के अंतर्गत आते थे। इन वृक्षों को बांध निर्माण होने के पूर्व काटा जाना था। लेकिन लापरवाही के चलते यह नही काटे गए थे। इस संबंध में पत्रिका द्वारा प्रकाशित ख


बानसुजारा परियोजना के अंतर्गत आने वन विभाग की जमीन पर लगे वृक्षों को काटा जाना था। इस संबंध में भारत सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जब तक यह वृक्ष नही काटे जाते है, तब तक विभाग मंजूरी नही देगा। लेकिन न तो यह वृक्ष काटे गए और विभाग ने मंजूरी भी दे दी। विदित हो कि टीकमगढ़ वन मंडल की यहां पर पड़ रही जमीन कक्ष क्रमांक पी 86 में दो हजार से अधिक वृक्ष खड़े हुए थे। भारत सरकार से स्पष्ट निर्देश थे कि इन वृक्षों का पहले विदोहन किया जाए, बाद में स्वीकृति दी जाए।

किसी ने नही दिया ध्यान: भारत सरकार के निर्देश के बाद भी इस पर किसी ने ध्यान नही दिया। विभाग द्वारा केवल यहां पर खड़े वृक्षों की सूची बनाई गई थी। इस सूची में लगभग 2 हजार से अधिक वृक्ष शामिल किए गए थे। लेकिन यह काम केवल सूची बनने तक ही सीमित रहा और एक भी वृक्ष नही काटा गया। इस संबंध में पत्रिका ने अपने 19 मई के अंक में खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर प्रकाशन के बाद जागे विभाग ने अब इसकी फायल तलब की है।


देखी जा रही गलती: इस संबंध में डीएफओ चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि वह पूरी फायल देख रहे है। किस स्तर पर इस काम में लापरवाही की गई है, यह पता किया जा रहा है। इस संबंध में वह यह भी देखने की बात कह रहे है कि जब बानसुजारा भरा गया, उस समय क्या वन विभाग को इसकी सूचना दी गई थी, या नही। डीएफओ सिंह का कहना है कि पूरा मामला देखने के बाद इससे वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा और उनके निर्देशानुसार लापरवाही करने वालों के खिलाफ कारवाई की जाएगी। विदित हो कि बानसुजारा परियोजना प्रारंभ होने के बाद से अब तक चार रेंजर बदले जा चुके है।


कहते है अधिकारी: इसकी फायल बुलाकर पता किया जा रहा है कि किस स्तर पर लापरवाही की गई है। बांध भरने के पूर्व विभाग को सूचना दी गई है या नही यह भी पता किया जा रहा है। पूरे मामले की जांच के बाद ही आगे की कारवाई की जाएगी।- चंद्रशेखर सिंह, डीएफओ, टीकमगढ़।

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